शिमला : डीएफओ से बरामद नकदी मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो करेगा। जांच की अनुमति सरकार ने दे दी है। साल 2022 में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान 22 अक्तूबर को तत्कालीन डीएफओ बिलासपुर की गाड़ी से एक लाख सात हजार रुपये कैश बरामद हुआ था। एजेंसी करीब डेढ़ साल से जांच की अनुमति का इंतजार कर रही थी। अब प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17ए के तहत अनुमति दे दी है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17ए में कहा गया है कि किसी लोक सेवक द्वारा किसी भी कथित अपराध के मामले में संबंधित सरकार की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी जांच एजेंसी या पुलिस अधिकारी की ओर से पूछताछ या जांच नहीं की जा सकती है। यही कारण है कि इसकी अनुमति न मिलने के कारण डेढ़ साल से यह जांच आगे नहीं बढ़ पाई थी। अब इस जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। बरामद राशि को अधिकारी कहां लेकर जा रहे थे। किस खाते से निकाली थी। इसके सारे प्रमाण जांच एजेंसी इकट्ठा करेगी।
बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 22 अक्तूबर, 2022 को तत्कालीन डीएफओ बिलासपुर के वाहन से नकदी बरामद की थी। विजिलेंस की टीम ने तत्कालीन एएसपी योगेश रोल्टा के नेतृत्व में टीम का गठन किया और लखनपुर के पास नाकाबंदी कर अधिकारी के वाहन की तलाशी ली। तलाशी के दौरान यह राशि बरामद हुई थी। उस दौरान मौके पर अधिकारी इस नकदी के बारे में विजिलेंस टीम को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इस पर विजिलेंस ने राशि जब्त कर ली थी।