मंडी। मंडी जिले में बीते चौबीस घंटे से लगातार हो रही बारिश का कहर बरपा है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ब्यास और उहल नदियों समेत कई नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। ब्यास-सतलुज लिंक परियोजना के पंडोह बांध का पानी ब्यास नदी में छोड़ने से बाढ़ आ गई जिसके चलते पंडोह कस्बे के बाजार में पानी घुसने से एक घर के लोग बाढ़ के पानी में घिर गए, जिन्हें एनडीआरएफ की टीम ने रैस्क्यू कर सुरक्षित निकाला। ब्यास नदी में आई बाढ़ से जहां फाेरलेन किनारे दवाडा पुल बह गया। वहीं 100 साल पुराना पंडोह पुल भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गया। इसके अलावा पंडोह के पास 7 मील में एक अज्ञात महिला का शव नदी में बहकर आया और साथ लगते खेत में फंस गया। वहीं पधर उपमंडल के गढ़ गांव में 70 साल के वृद्ध व्यक्ति के नाले में बह जाने की सूचना है।
मंडी शहर के ब्यास-सुकेती खड्ड संगम स्थल पर ऐतिहासिक पंचक्त्र मंदिर परिसर में भी ब्यास नदी का पानी घुस गया। नदी का पानी मंदिर परिसर की परिक्रमा करते हुए सुकेती खड्ड में जा गिरा। मंडी जिला की चौहारघाटी के बरोट में उहल और लंबाडग नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से उहल नदी उफान पर है। बरोट बाजार में उहल के पानी ने तबाही मचाई है। नदी के तेज बहाव में पर्यटकों के ठहरने के लिए बनाई गई कैंपिंग साइट बह गई है। पिछले 24 घंटों से मंडी जिला में बारिश प्रलय बन कर बरस रही है। सडकों के किनारे लहासे गिरने से यातायात अवरूद्ध हो गया है। किरतपुर-मनाली फोरलेन जगह-जगह चट्टानें गिरने से अवरुद्ध है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों से घरों से बाहर न निकलने और नदी-नालों के पास न जाने की हिदायत दी है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारी बारिश के मद्देनजर प्रदेश वासियों से घर में सुरक्षित रहने की अपील की। उन्होंने सरकार से बाढ़ प्रभावित नदी-नालों के पास समुचित सुरक्षा प्रबंध करने की मांग की तथा बाढ़ पीड़ितों को त्वरित राहत देने का निवेदन किया। वहीं बारिश से बंद सड़कों को अतिशीघ्र खोलने का निवेदन किया।