बाबा भूतनाथ का शृंगार अरुणाचल प्रदेश में स्थित अरुणाचलेश्वर महादेव के रूप में किया गया

Update: 2023-02-08 08:07 GMT
मंडी। छोटी काशी मंडी में बुधवार को बाबा भूतनाथ का शृंगार अरुणाचल प्रदेश में स्थित अरुणाचलेश्वर महादेव के रूप में किया गया है। महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि मंदिर में भगवान शिव के अग्नि रूप में उत्पन्न होने का इतिहास युगों पुराना है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार जब माता पार्वती ने चंचलतापूर्वक भगवान शिव से अपने नेत्र बंद करने के लिए कहा, तो उन्होंने अपने नेत्र बंद कर लिए और इस कारण पूरे ब्रह्मांड में कई हजारों वर्षों के लिए अंधकार छा गया।
उन्होंने बताया कि इस अंधकार को दूर करने के लिए शिव भक्तों ने कड़ी तपस्या की, जिसके कारण महादेव अन्नामलाई की पहाड़ी पर एक अग्नि स्तंभ के रूप में दिखाई दिए। इसी कारण यहां भगवान शिव की आराधना अरुणाचलेश्वर के रूप में की जाती है और यहां स्थापित शिवलिंग को भी अग्नि लिंगम कहा जाता है। उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में हुआ था, जिसका जीर्णोद्धार 9वीं शताब्दी में चोल राजाओं के द्वारा कराया गया। इसके अलावा पल्लव और विजयनगर साम्राज्य के राजाओं द्वारा भी मंदिर में कराए गए निर्माण कार्य की जानकारी मिलती है।
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