निजी क्षेत्र में 20 हेक्टेयर भूमि पर तालाब बनाने की घोषणा, तालाब बनाने को 80 प्रतिशत सबसिडी
शिमला
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए बजट में मछली पालन पर सरकार ने विशेष फोकस किया है। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि मछली पालन को तालाब बनाने के लिए युवाओं को 80 प्रतिशत सबसिडी प्रदान की जाएगी। वहीं, 20 हेक्टेयर निजी क्षेत्र में सरकार मछली पालन के लिए तालाबों को निर्माण करेगी। बजट अभिभाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मछली पालन की अपार संभावनाएं है।
इसके दोहन से आर्थिकी को सुदृढ़ किया जाएगा। इसके लिए फिश फार्मिंग को प्रोत्साहन की आवश्यकता है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले नदीय मछलियों पर आश्रित मछुआरों को 1000 फैकवा जाल सबसिडी पर आबंटित किए जाएंगे। प्रदेश में लगभग 12 जलाशयों, नदियों एवं तालाबों इत्यादि से हजारों परिवार मछली पकडऩे व पालने का कार्य करते है। इस क्षेत्र में युवा वर्ग के लिए स्वरोजगार उत्पन्न करने की बहुत संभावनाएं है। 2023-24 में 500 युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
इनकी स्थापना भी होगी
120 नई ट्राउट इकाईयों का होगा निर्माण
5 लघु बॉयोफ्लॉक मत्स्य पालन इकाईयां
2 ट्राउट हैचरीज, 3 मछली फीड बर्फ संयंत्र
600 मछुआरों को मिलेगा प्रशिक्षण
प्रदेश में मछली पालन से जुड़े किसानों एवं अन्य व्यक्तियों को प्रशिक्षण की सुविधा के लिए कार्प फार्म गगरेट, ऊना में पांच करोड़ रुपए की लागत से एक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी। केंद्र के माध्यम से प्रति वर्ष 600 मछुआरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।