रिहायशी क्षेत्रों से हटाए जाएंगे पशु, वनों में बनेंगे चारागाह, लावारिस मवेशियों को जंगलों में मिलेगा ठिकाना

Update: 2023-02-16 09:19 GMT
शिमला
लावारिस मवेशियों के लिए राज्य सरकार जंगल में चरागाह का इंतजाम करेगी। सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में ऐसी जगह चिह्नित की जाएंगी, ताकि मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सके। इतना ही नहीं, कई बीघा के इस क्षेत्रों की तारबंदी की भी योजना बनाई जा रही है। यह बात ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग के संसदीय सचिव किशोरी लाल ने कही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदद सिंह सुक्खू को उन्होंने इसका सुझाव दिया है। प्रदेश में इस समय लावारिस पशुओं की समस्या बढ़ती जा रही है। ये पशु फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। इसके अलावा सडक़ों पर हादसे का कारण भी बन रहे हैं। ऐसे पशुओं को चिह्नित जंगलों में ऐसी जगह रखा जाएगा, जहां चारे और पानी की कोई कमी न हो।
उन्होंने कहा कि इस कार्य को पूरा करने के लिए सरकार को अतिरिक्त बजट की जरूरत नहीं पड़ेगी। वन विभाग के माध्यम से क्षेत्रों की तारबंदी की जाएगी। यह तारबंदी ऐसे इलाकों में होगी, जिनमें पानी और चारे के पर्याप्त इंतजाम होंगे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में बंदरों की संख्या बढ़ रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए जंगलों में फलदार पौधे रोपे जाएंगे, ताकि बंदरों के लिए खाने-पीने का इंतजाम जंगल में ही हो जाए। उन्होंने कहा कि ये सुझाव मुख्यमंत्री को भेज दिए हैं। संसदीय सचिव किशोरी लाल ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं की है, बल्कि मनरेगा की हाजिरी को ऑनलाइन करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
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