दो साल बाद हिमाचल में चैत्र नवरात्र की धूम, श्रद्धालु बिना किसी बंदिशों के कर पाएंगे दर्शन, शक्तिपीठों में क्यूआर कोड से कर सकेंगे दान
शनिवार से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र इस बार खास हैं। कोरोना काल में दो साल बाद बिना किसी बंदिश के श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शनिवार से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र इस बार खास हैं। कोरोना काल में दो साल बाद बिना किसी बंदिश के श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। मंदिरों में अब घंटियों की मधुर ध्वनि सुनाई देगी। लंगर भी लगाए जाएंगे। कांगड़ा की शक्तिपीठों में इस बार क्यूआर कोड स्कैन कर श्रद्धालु दान दे सकेंगे। सीसीटीवी और ड्रोन से पूरी नजर रखी जाएगी। सुरक्षा के लिए अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को देखते हुए मेडिकल टीमें भी तैनात रहेंगी। चैत्र नवरात्रों में धारा-144 लागू रहेगी। मंदिर के अंदर ढोल नगाड़े और नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध रहेगा।
ज्वालाजी में ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी
विश्वविख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी में चैत्र नवरात्रों के दौरान ड्रोन से मेले की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। मंदिर में ढोल-नगाड़े और नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध रहेगा। श्रद्धालु मंदिर में जगह-जगह लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर दान दे सकते हैं। सुबह 5 बजे गर्भ गृह के कपाट खोले जाएंगे। 75 सुरक्षा कर्मी मंदिर में सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। 30 अस्थायी कर्मचारी रखे जाएंगे। 30 अतिरिक्त सफाई कर्मियों को भी रखा जाएगा। बाहरी श्रद्धालु एसडीएम की अनुमति से लंगर लगा सकेंगे। एसडीएम मनोज ठाकुर व एसीएफ राजेंद्र कुमार ने बताया कि चैत्र नवरात्रों में धारा-144 लागू रहेगी। श्रद्धालुओं को निशुल्क दवाइयां उपलब्ध होंगी।
शहर में यातायात, पेयजल और बिजली व्यवस्था सुदृढ़ की जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए सहायता कक्ष बनाया जाएगा। शहर को 6 सेक्टरों में बांटा जाएगा। पार्किंग चयनित स्थलों पर ही होगी। श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर एक साथ नहीं जाने दिया जाएगा। मंदिर में भीड़ इकट्ठा होने से भगदड़ मचने का खतरा रहता है। लाउडस्पीकर से सूचना दी जाएगी कि श्रद्धालु अपने होटल, गेस्ट हाउस और सराय में ही रहें। मंदिर में श्रद्धालु कम होने की सूचना लाउडस्पीकर पर दे दी जाएगी। बड़े वाहन शहर के बाहर चयनित स्थलों पर ही खड़े होंगे। व्यापार मंडल अध्यक्ष अनीश सूद ने बताया कि नवरात्रों में मंदिर में हलवे का प्रसाद नहीं चढ़ेगा।
पांच बार होगी मां ज्वाला की आरती
चैत्र नवरात्र मेलों के लिए मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। ज्वालामुखी मंदिर में नवरात्रों के दौरान पांच बार आरती होगी। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पहली आरती होगी। इसमें मालपुआ, खोआ, मिस्री का प्रसाद चढ़ाया जाएगा। इसे मंगल आरती कहते हैं। दूसरी आरती पहली आरती से एक घंटा बाद होती है। इसमें पीले चावल व दही का भोग लगाया जाता है। तीसरी आरती दोपहर 12 बजे की जाएगी। इसमें चावल, छह मिश्रित दालों व मिठाई का भोग लगाया जाता है। चौथी आरती सायंकाल में 7 बजे की जाएगी। इसमें पूरी चना और हलवा का भोग लगता है। रात 9:30 बजे शयन आरती होगी। इसमें माता के शयनकक्ष में सौंदर्य लहरी के मधुर गान के बीच सोलह शृंगार करने के बाद शयन मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
चामुंडा धाम में सात दिनों तक 31 पंडित करेंगे
वहीं, चैत्र नवरात्र के दौरान चामुंडा धाम में एक रिजर्व पुलिस तथा 15 गृहरक्षक सुरक्षा की कमान संभालेंगे। इस दौरान 31 विद्वान पंडितों की अगुवाई में यजमान राम कृष्ण की ओर से गायत्री अभिषेक, रुद्रायाग, भागवत परायण, रामायण पाठ, देवी भागवत, रुद्राभिषेक आदि धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्र के दौरान 12 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। लंगर की व्यवस्था के पहले की तरह जारी रहेगी। इसमें आटा गूंथने से लेकर रोटियां बनाने का सारा कार्य ऑटोमेटिक मशीन से किया जाएगा। पार्किंग की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए डाढ, बडोई में बड़े वाहनों के लिए व्यवस्था की गई है, जबकि छोटे वाहनों के लिए लंगर भवन के सामने पार्किंग का बंदोबस्त किया गया है।
हिमानी चामुंडा मंदिर में इन नवरात्र के दौरान परसराम और जीत राम यजमान रहेंगे। अष्टमी के दिन-रात को 108 व्यंजनों के भोग के साथ पहले की भांति संगीत संध्या का भी आयोजन किया जाएगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ोई स्थित पीएचसी मे 24 घंटे सुविधा उपलब्ध रहेगी। सफाई का जिम्मा सुलभ शौचालय संगठन को सौंपा गया है। बिजली-पानी को सुचारु बनाने के लिए संबंधित विभागों की सेवाएं ली जा रही हैं। नवरात्रों के दौरान मंदिर सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोला जाएगा। मंदिर में सुबह 8 बजे और शाम 7 बजे आरती की जाएगी। सुबह हलवे और चने का भोग लगाया जाएगा। दोपहर और शाम को पूर्व की देसी घी से बने व्यंजनों का भोग अर्पित किया जाएगा।
बालासुंदरी में क्यूआर कोड स्कैन कर दान कर सकेंगे श्रद्धालु
जनपद सिरमौर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल त्रिलोकपुर स्थित महामाया बालासुंदरी मंदिर परिसर में चैत्र नवरात्र मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेले में इस मर्तबा श्रद्धालु क्यूआर कोड स्कैन कर और स्वैपिंग मशीन के जरिये मंदिर में दान कर सकेंगे। मंदिर न्यास समिति की ओर से यह व्यवस्था पहली बार की गई है। इस व्यवस्था को मेले के दौरान जेब कतरों से निजात व सुरक्षा की दृष्टि से लागू किया गया है। मेले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 300 पुलिस और होमगार्ड के जवानों की तैनाती होगी। छह दर्जन सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। माता बालासुंदरी मंदिर के कपाट प्रथम नवरात्र से सुबह पांच बजे मुख्य आरती के दर्शनों के लिए खोले जाएंगे, जो रात्रि दस बजे तक खुले रहेंगे।
बज्रेश्वरी मंदिर में तीन समय मिलेगा लंगर, यात्री घंटियां भी बजा सकेंगे
शक्तिपीठ बज्रेश्वरी देवी मंदिर में चैत्र नवरात्र मेलों के दौरान मंदिर में तीन समय लंगर की सुविधा रहेगी। यात्री घंटी भी बजा सकेंगे और प्रसाद भी चढ़ा सकेंगे। मंदिर सुबह पांच बजे खुलेगा। दोनों समय की आरती भी रूटीन की तरह होगी। मंदिर में इस बार श्रद्धालु क्यूआर कोड स्कैन कर भी दान कर सकेंगे। मंदिर परिसर के साथ शहर में भी सूचना बोर्ड लगाए गए हैं।
अष्टमी और नवमी में यदि भीड़ ज्यादा रही तो मंदिर देर रात तक भी खुला रह सकता है।
एसडीएम अरुण शर्मा ने बताया कि नवरात्रों में श्रद्धालुओं की बसें कांगड़ा नगर में प्रवेश नहीं करेंगी। कांगड़ा बाईपास और बज्रेश्वरी घाट में बसों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यहां से श्रद्धालुओं को कांगड़ा तक लाने के लिए दो शटल बसों की सुविधा दी जाएगी। छोटे वाहनों की पार्किंग गुप्तगंगा में होगी। कांगड़ा बाईपास, एसडीएम कार्यालय परिसर में मेडिकल बूथ बनाए जाएंगे। बूथ पर समय-समय पर चिकित्सक भी जाएंगे। सफाई व्यवस्था के लिए पैंतीस कर्मी तैनात किए गए हैं। बाईपास पर ही यात्रियों के लिए पानी की सुविधा के लिए चार नल लगा दिए गए हैं।
चैत्र मेलों में साढ़े 21 घंटे खुला रहेगा श्री नयनादेवी जी मंदिर
उत्तर भारत का प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी 2 से 11 अप्रैल तक चैत्र नवरात्र मेलों के दौरान श्रद्धालुओं के लिए साढ़े 21 घंटे खुला रहेगा। रात 12 बजे से 2 बजे और दोपहर 12 बजे से साढ़े 12 बजे तक मंदिर दर्शनों के लिए बंद रहेगा। रात 12 से 2 बजे के बीच तीन पहर की आरती की जाएगी। 12 से साढ़े 12 के बीच मध्याह्न आरती की जाएगी। मंदिर परिसर में लाउड स्पीकर, ढोल-नगाड़े और बैंड-बाजे आदि के प्रयोग पर पाबंदी रहेगी।
हलवा, नारियल चढ़ाने और प्रसाद के लिए बांस की टोकरी का प्रयोग करने पर भी प्रतिबंध होगा। पंजाब के खन्ना के श्रद्धालु सिंगला ने मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजवाया है। नवरात्रों के आगाज पर मंदिर को धोकर साफ-सुथरा कर दिया है। सैनिटाइज भी किया जा रहा है। पुलिस ने भी पंजाब बॉर्डर कोलांवाला टोबा, भाखड़ा बांध और कैंची मोड़ पर भी चौकसी बढ़ा दी है। जांच के बाद ही वाहनों को श्री नयनादेवी के लिए भेजा जा रहा है। हर वर्ष की भांति इस बार भी नयनादेवी को 9 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।
चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं को तीन जगह मिलेगी दर्शन पर्ची
शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए तीन जगह दर्शन पर्ची की व्यवस्था की जाएगी। पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर के खुलने और बंद करने का समय बढ़ाया जा सकता है। मेले में व्यवस्था बनाने के लिए 400 सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे। 40 सफाई कर्मियों के हवाले मंदिर की सफाई व्यवस्था रहेगी। मंदिर में दर्शनों के लिए एमआरसी की पार्किंग, बाबा श्री माईदास सदन और शंभू बैरीयर पर दर्शन पर्ची देने के लिए काउंटर स्थापित किए जाएंगे। कोरोना गाइडलाइंस की अनुपालना के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। मंदिर की घंटियों पर कपड़ा बांधने या अन्य प्रकार के प्रतिबंधों पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।