एडवोकेट रजनीश शर्मा शिवरात्रि महोत्सव में CM सुरक्षा दल के बर्ताव पर खफा

Update: 2023-02-21 16:59 GMT
सुंदरनगर: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को दिखाया गया एक बैनर पूरे सूबे में चर्चा का विषय बन गया है। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी और एसपी मंडी के विशेष सुरक्षा सेल पर भी संवैधानिक अधिकारों के हनन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
मामले को लेकर ग्लोबल ज्यूरिस्ट एवं एडवोकेट रजनीश शर्मा ने सुंदरनगर में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के शुभारंभ मौके पर पड्डल मैदान में सीएम सुक्खू, मंडी सांसद प्रतिभा सिंह और अन्य नेताओं की मौजूदगी में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान ऐतिहासिक विजय सेन सरकारी स्कूल को तोड़कर बहुमंजिला पार्किंग और शॉपिंग मॉल बनाने के मामले में सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग को लेकर एक बैनर स्कूल के अभिभावकों और बच्चों द्वारा दर्शक दीर्घा से दिखाया गया। लेकिन इस दौरान मौजूद मंडी पुलिस के एक उच्च अधिकारी द्वारा बैनर को हटाने और बाद में खींचने तक की कोशिश की गई। एसपी मंडी के विशेष सुरक्षा टीम ने आनन-फानन में मौके पर आकर चारों तरफ से उनकी घेराबंदी कर दी गई।
पुलिसकर्मियों ने कहा कि उनके द्वारा बैनर दिखाने से मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा खराब हो रही है। रजनीश शर्मा ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई के कारण बच्चे और अभिभावक अपना पक्ष मुख्यमंत्री के समक्ष नहीं रख पाए।
उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने वालों को धक्का मार कर बाहर निकाला जाता है। पुलिसकर्मियों द्वारा उनके साथ एक आतंकवादी के तौर पर बर्ताव किया गया।
रजनीश शर्मा ने कहा कि मंडी के बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ-साथ प्रगतिशील लोगों की प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर उम्मीदें टिकी है। लेकिन उनके आसपास जनता द्वारा नकारे गए लोगों का जमावड़ा है, और सुखविंदर सिंह सुक्खू के आदेश प्रशासन नहीं मान रहा है।
बता दें कि बीते 2 वर्षों से मंडी शहर के सरकारी विजय सेन स्कूल को तोड़कर मल्टी स्टोरी पार्किंग और शॉपिंग कांप्लेक्स बनाने के सरकारी फरमान के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है। पूर्व भाजपा सरकार में शुरू हुए इस कार्य को लेकर वर्तमान कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को विजय सेन स्कूल बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा एक ज्ञापन भी सौंपा गया है।
इसके उपरांत आंदोलन की कानूनी लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट एवं ग्लोबल जूरिस्ट रजनीश शर्मा द्वारा मामले में कड़ा संज्ञान नहीं लेने पर प्रदेश सरकार को आत्मदाह तक की चेतावनी दे रखी है।
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