हिमाचल में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी प्रोमोशन के रास्ते बंद

हिमाचल में आईएएस अफसरों के प्रोमोशन चैनल को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है।

Update: 2022-07-31 03:29 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में आईएएस अफसरों के प्रोमोशन चैनल को लेकर एक बड़ा बदलाव हुआ है। राज्य में अब अतिरिक्त मुख्य सचिव यानी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पद के लिए कोई प्रोमोशन नहीं होगी। इसका कारण यह है कि राज्य सरकार ने एसीएस के 3 पद प्रिंसीपल एडवाइजर में कन्वर्ट कर दिए हैं। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई है। गौरतलब है कि हाल ही में मुख्य सचिव पद पर हुए बदलाव के कारण तीन सीनियर आईएएस अफसरों को प्रिंसीपल एडवाइजर लगाना पड़ा था। आरडी धीमान नए मुख्य सचिव बने, तो पूर्व मुख्य सचिव रामसुभाग सिंह, निशा सिंह और संजय गुप्ता को प्रधान सलाहकार बनाना पड़ा, जबकि काम कुछ नहीं है। क्योंकि राज्य में प्रधान सलाहकार अलग से कोई क्रिएटिव पोस्ट नहीं है, इसलिए अतिरिक्त मुख्य सचिव के तीन पद प्रिंसीपल एडवाइजर में कन्वर्ट किए गए हैं। इस कारण राज्य में अतिरिक्त मुख्य सचिव का सिर्फ एक ही पद रह गया है, क्योंकि तीन एक्स कैडर पोस्ट प्रिंसीपल एडवाइजर में बदल दी गई हैं। वर्तमान में चीफ सेक्रेटरी आरडी धीमान के बाद एकमात्र अतिरिक्त मुख्य सचिव अब प्रबोध सक्सेना हैं।

वह फायनांस और कार्मिक विभाग देख रहे हैं। पहले यह उम्मीद थी कि तीन और अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रोमोट किए जा सकेंगे, लेकिन यह संभावना अब खत्म हो गई है। अब जब तक नए पद सृजित नहीं होते या प्रिंसीपल एडवाइजर रिटायर नहीं होते, तब तक कोई अन्य अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव के रैंक तक नहीं आ पाएगा। हालांकि वर्तमान में कोई भी अधिकारी इस पद के लिए पात्रता नहीं रखता। प्रबोध सक्सेना के बाद केके पंत इस पद के लिए पात्र होंगे, लेकिन वह भारत सरकार पर डेपुटेशन पर हैं। इसलिए उन्हें प्रोफॉर्मा प्रोमोशन की जरूरत नहीं है। अतिरिक्त मुख्य सचिव बनने के लिए आईएएस में ही 30 साल की सर्विस चाहिए होती है। राज्य में जब अतिरिक्त मुख्य सचिव के तीन अतिरिक्त पद क्रिएट किए गए थे, तब भी काफी विवाद हुआ था। लेकिन अब मुख्य सचिव के पद पर हुए बदलाव के कारण यह प्रोमोशन पोस्ट भी फिलहाल खत्म हो गई हैं। गौरतलब है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के अफसरों को मुख्य सचिव के बराबर ही वेतन मिलता है। यह अपेक्स स्केल है, इसीलिए अफसरशाही में इस पद तक पहुंचने की एक रेस रहती है। यदि कानूनी रूप से भी देखें, तो अतिरिक्त मुख्य सचिव बनने के लिए विजिलेंस क्लीयरेंस से लेकर सारी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है, जबकि मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति के लिए इसकी जरूरत नहीं होती।
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