7 पर कार्रवाई, दिसंबर-जनवरी में उत्पादन पर लगाई थी रोक, छह फर्मों ने दूर की खामियां, 70 दवा उद्योगों पर छापे

Update: 2023-03-29 11:28 GMT
बीबीएन: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन व राज्य औषधि नियंत्रक प्राधिकरण दवारा गत वर्ष हिमाचल की चिन्हित दवा निर्माण इकाईयों का जोखिम आधारित मूल्यांकन किया था। दिसंबर व जनवरी माह में किए इस निरीक्षण के दौरान हिमाचल की 70 दवा उद्योगों में पड़ताल की गई थी, जिनमें से बीबीएन की सात फार्मा कंपनियोंं में निर्धारित मानकों की अवहेलना के मामले केंद्रीय व राज्य नियामक की टीम ने पकड़े थे । इस दौरान राज्य दवा नियंत्रक ने कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए दवा उत्पादन पर रोक लगा दी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के निर्देशों के तहत सीडीएससीओ व राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन ने फार्मा कंपनियों का संयुक्त तौर पर जोखिम आधारित मूल्यांकन किया था। इससे पहले जोखिम आधारित मूल्यांकन 2016 में किया था। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि जोखिम आधारित मूल्यांकन के दौरान दिसंबर व जनवरी माह में सात फार्मा कंपनियों में दवा उत्पादन पर रोक लगाई गई थी , जिनमें से छह कंपनियों ने अब खामियों को दुरुस्त भी कर दिया है।
25 दवाइयों की कीमतों में संशोधन
बीबीएन। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने 25 दवाओं की कीमतों में संशोधन किया है। जिन दवाओं की कीमत में संशोधन किया है, उनमें फ ंगल इन्फे क्शन, हाई बीपी, पेट दर्द,डायबिटीज, एलर्जी व जुकाम के उपचार की दवाएं शामिल है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। दवा नियामक ने कीमतों में यह संशोधन औषधि आदेश-2013 के तहत किया है। एनपीपीए द्वारा उपनिदेशक महावीर सैणी के हवाले से जारी अधिसूचना में 25 अनुसूचित दवाओं की कीमतों में संशोधन किया गया हैं। इनमें से कुछ दवाओं की खुदरा कीमतें तय की गई हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य-निर्धारण प्राधिकरण अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि दवा बनाने वाली कंपनियां सरकार की तय गई कीमत पर दवाएं बेचेंगी। इन सभी के दाम बिना जीएसटी दरों के हैं।
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