हिमाचल में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की कार्रवाई, 12 दवा उद्योगों को नोटिस
एएनटीएफ ने प्रतिनियुक्त दवा निरीक्षकों के साथ प्रदेश में विभिन्न जगहों पर सयुंक्त छापामारी की है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एएनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ) ने प्रतिनियुक्त दवा निरीक्षकों के साथ प्रदेश में विभिन्न जगहों पर सयुंक्त छापामारी की है। छापामारी के दौरान दवा निर्माण इकाइयों, थोक विक्रेताओं और केमिस्ट की दुकानों पर कानूनी कार्रवाई की गई है। नशीली दवाओं के खतरे को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने एडीजीपी स्टेट सीआईडी के तहत एक एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया है। पिछले महीने एएनटीएफ ने पूरे प्रदेश में विशेष रूप से प्रदेश के अंतरराज्यीय सीमा क्षेत्रों में डॉग स्कवायड की मदद से गहन जांच अभियान चलाया है। इस दौरान एनडीपीएस के मामलों का भी पता चला है और 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए एएनटीएफ ने प्रदेश में एएनटीएफ में प्रतिनियुक्त दवा निरीक्षकों के साथ संयुक्त छापामारी भी की है। एडीजीपी स्टेट सीआईडी एसपी सिंह ने बताया कि प्रदेश में एएनटीएफ द्वारा ऐसी 70 से अधिक इकाइयों का निरीक्षण किया है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने 12 से अधिक इकाइयों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें एक मामला भी शामिल है, जिसमें लाइसेंस के निलंबन की सिफारिश की गई है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत इकाइयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।
ड्रग फ्री हिमाचल ऐप से लोगों को करेंगे जागरूक
एएनटीएफ ड्रग फ्री हिमाचल ऐप के बारे में जागरूकता के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल आम जनता से खुफिया जानकारी जुटाने और ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए किया जा रहा है। यह नशा मुक्ति हेल्पलाइन 14446 और नशा निवारण टोल फ्री हेल्पलाइन 1098 के बारे में भी जागरूकता फैला रहा है। एएनटीएफ ने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के अपने नए सोशल मीडिया हैंडल लांच किए हैं, जिन्हें एएनटीएफ एचपी पर एक्सेस किया जा सकता है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्परिणाम, जागरूकता संदेश, सूचना साझा करने या एएनटीएफ की अन्य गतिविधियों के बारे में कई पोस्ट नियमित रूप से इन प्लेटफार्मों पर पोस्ट की जा रही हैं। एएनटीएफ ने आम जनता को शिक्षित करने के लिए जागरूकता के संबंध में एसएमएस अभियान भी शुरू किए हैं।