अगले सप्ताह तारों से निजात दिलाने के लिए 25 करोड़ रुपये का टेंडर खुलेगा

तारों के जाल को अंडरग्राउंड किया जाएगा

Update: 2024-02-26 09:37 GMT

शिमला: शिमला शहर को जल्द ही तारों के मकड़जाल से छुटकारा मिलने वाला है। करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से पूरे शहर में डक्ट सिस्टम बनाकर तारों के जाल को अंडरग्राउंड किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने अब ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और अगले सप्ताह यह टेंडर भी खुल जाएगा. इससे शिमला में कॉमन यूटिलिटी डक्ट में बिजली के तार, टेलीकॉम तार, ओएफसी जैसी यूटिलिटी लाइनें बिछाने का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है।

इस नीति के तहत सेवा प्रदाताओं को इन तारों को बिछाने और रखरखाव की अनुमति सरकार द्वारा दी जाएगी। इससे सड़कों की बार-बार खुदाई करने की जरूरत खत्म हो जाएगी। इस डक्ट का निर्माण पायलट आधार पर शिमला शहर में किया जाएगा। कई वर्षों से शहर के लोग तारों के जंजाल से परेशान थे। खासकर शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाके लोअर बाजार में तारों का जाल काफी फैला हुआ है. आए दिन तारों के जाल के कारण आगजनी जैसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. ऐसे में यहां के लोग हमेशा सरकार से तारों के जंजाल से निजात दिलाने की मांग करते रहे हैं.

शहर के इन इलाकों में सबसे ज्यादा दिक्कत: शहर के मुख्य बाजार लोअर बाजार, माल रोड, संजौली, ढली, समरहिल, विकास नगर समेत नगर निगम के सभी इलाकों में तारों का जाल फैला हुआ है। सबसे ज्यादा खतरा रिहायशी इलाकों में है, क्योंकि कई जगहों पर बिजली और अन्य तारें लोगों के घरों के ऊपर या दीवारों से छूकर बिछाई गई हैं। ऐसे में लोगों को करंट लगने का भी खतरा रहता है। राज्य सरकार के बजट फैसले से अब लोगों को इन खतरों से भी राहत मिलेगी.

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