हिमाचल प्रदेश में अब तक मॉनसून से 997 करोड़ का नुकसान, भारी बारिश को लेकर आज के लिए ओरेंज अलर्ट

प्रदेश को मानसून के कारण कुल 997 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। पीडब्ल्यूडी विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

Update: 2022-08-15 06:00 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश को मानसून के कारण कुल 997 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। पीडब्ल्यूडी विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पीडब्ल्यूडी को 568 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन है। वहीं जलशक्ति विभाग को 409 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया गया हैं। दूसरी ओर प्रदेश में मानसून के कारण हुुई दुर्घटनाओं में लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। रविवार को भी सिरमौर जिला में एक मौत हुई है। यह मौत सडक़ हादसे में हुई है। मानसून के कारण हुई दुर्घटनाओं के कारण प्रदेश में अब तक कुल 193 लोगों की मौत हो चुकी है व 367 लोग घायल हो चुके हैं। इसके अलावा छह लोग अभी भी लापता हैं। मानसून के कारण प्रदेश में अभी भी 64 सडक़ें बंद हैं।

इनमें 12 सडक़ें चंबा, 26 सडक़ें कुल्लू, एक सडक़ लाहुल-स्पीति, पांच सडक़ें मंडी, एक सडक़ शिमला और पांच सडक़ें सोलन में बंद हैं। इसके अलावा प्रदेश में चार बिजली के ट्रांसफार्मर भी बंद हैं। इनमें तीन ट्रांसफार्मर चंबा और एक ट्रांसफार्मर कुल्लू जिला में बंद हैं। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में रविवार को भी बारिश का दौर चलता रहा है। शिमला में काफी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। बारिश के कारण भू-स्खलन व अन्य दुर्घटनाओं का दौर भी जारी हैं। ऊपरी शिमला में खड़ापत्थर-शीलघाट संपर्क मार्ग पर पहाड़ी से चट्टानें गिर गई हैं, जिससे यातायात दोनों ओर से ठप हो गया है। इन दिनों यहां सेब सीजन शुरू हुआ है, ऐसे में कई सेब की गाडिय़ां भी फंस गई हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा संपर्क मार्ग बहाल करने का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि रास्ता जल्द ही बहाल हो जाएगा। वहीं जिला भर में मौत के आंकड़ों की बात करें, तो बिलासपुर में आठ मौतें, चंबा में 19, हमीरपुर नौ, कांगड़ा 18, किन्नौर तीन, कुल्लू 25, लाहुल-स्प.सात, मंडी 24, शिमला 33, सिरमौर 18, सोलन 11, सिरमौर 18 मौतें हुई हैं।
आज ओरेंज अलर्ट, सतर्क रहने की सलाह
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा सोमवार को भी प्रदेश में भारी बारिश को लेकरओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। खासकर नदी नालों से दूर रहने को कहा गया है, क्योंकि बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है। वहीं नालों में भी बाढ़ आने की संभावना है। वहींं 16 अगस्त को प्रदेश में मौसम साफ रह सकता है, जबकि 17 अगस्त को फिर से यलो अलर्ट जारी किया गया है।
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