हिमाचल प्रदेश में कामगार कल्याण बोर्ड में 4.910 लाख कामगार पंजीकृत, कल्याण योजनाओं में 327 करोड़ खर्च

राज्य सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं ने प्रदेश में लाखों कामगारों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाया है।

Update: 2022-08-29 03:55 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं ने प्रदेश में लाखों कामगारों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाया है। बोर्ड द्वारा कामगारों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेंशन, आवास सुविधा सहित अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। कामगारों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पहली जनवरी, 2018 से अब तक लगभग 327 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं। वर्तमान में बोर्ड में 402910 कामगार पंजीकृत हैं, जिनमें मनरेगा के तहत 171783 तथा 231147 अन्य कामगार हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 274112 कामगारों का पंजीकरण किया गया है। कामगारों को पंजीकरण के लिए प्रेरित करने के दृष्टिगत विभिन्न माध्यमों से निरंतर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण करवाने के लिए कामगार की आयु 18 से 60 वर्ष तक होनी चाहिए।

पंजीकरण के लिए आवेदक को संबंधित श्रम अधिकारी के कार्यालय में पिछले 12 माह में कम से कम 90 दिनों तक भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्यों में काम करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है। कामगारों की सुविधा के लिए बोर्ड द्वारा अपनी वेबसाइट पर भी ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा कामगारों के कल्याण के लिए बोर्ड के माध्यम से अनेक नवीन योजनाएं भी शुरू की गई हैं। कामगारों को उनके दो बच्चों की कक्षा पहली से पीएचडी तक पढ़ाई के लिए प्रतिवर्ष 8400 से 120000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। बेटी जन्म उपहार योजना के तहत दो बेटियों के जन्म पर 51-51 हजार रुपए की धन राशि एफडीआर के रूप में प्रदान की जाती है। दिव्यांग बच्चों के लिए आरंभ की गई योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थी के बच्चों की देखभाल के लिए प्रत्येक वर्ष 20 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। विधवा पेंशन योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थी की विधवा को हर माह 1500 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। पंजीकृत लाभार्थी के बच्चों को होस्टल सुविधा योजना के तहत होस्टल में रहने पर प्रत्येक वर्ष 15000 से 20000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है।
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