डिपो में सुरक्षित पहुंची फंसी HRTC की 408 गाडिय़ां, बंद 394 रूट पर बस सेवा बहाल
शिमला: हिमाचल में बारिश के कारण एचआरटीसी के हजारों रूट बंद हो गए थे। बारिश से बंद रूटों में से 394 रूट एचआरटीसी प्रबंधन ने बहाल कर दिए हैं। हालांकि प्रदेश भर में 1128 रूटों पर बस सेवा अभी भी बंद है। इसके अलावा एचआरटीसी की सैकड़ों बसें भू-स्खलन व फ्लैश फ्लड के कारण प्रदेश भर में अलग अलग जगहों पर फंसी हुई थीं। इनमें से 408 बसें सुरक्षित अपने-अपने डिपो में पहुंच चुकी हैं, जबकि 302 बसें अभी तक फंसी हुई हैं। मंगलवार शाम को शिमला-कालका हाई-वे पर परवाणू के समीप चक्की मोड़ पर सडक़ धंसने के कारण एचआरटीसी ने शिमला से चंडीगढ़ दिल्ली के लिए रात्रि सेवाएं बंद कर दी थीं। अब इन सेवाओं को दोबारा से बहाल कर दिया है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि प्रदेश की जैसे-जैसे सडक़ें बहाल होंगी, एचआरटीसी दोबारा से सभी रूटों पर बस सेवा फिर से शुरू कर देगी। राहत की बात यह है कि इस दौरान प्रदेश में एचआरटीसी की किसी भी बस को नुकसान नहीं पहुंचा है।
हालांकि एचआरटीसी कई जगह पर एचआरटीसी के वर्कशॉप में रेत व पानी घुसने की घटनाएं जरूर सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के सबसे ज्यादा रूट कुल्लू जिला में प्रभावित है और यहां पर कई बसें एचआरटीसी की फंसी हुई हैं। एक ओर जहां शिमला से चंडीगढ़ दिल्ली के लिए बस सेवा बहाल है, तो वहीं शिमला से कांगड़ा हमीरपुर, धर्मशाला, बिलासपुर के लिए भी बसें जा रही हैं। हालांकि घंडल में पुल क्षति ग्रस्त होने के कारण यहां पर बसों की शिफ्टिंग हो रही है। यानि शिमला से घंडल तक एचआरटीसी की स्थानीय बसें लोगों को ले जा रही है। यहां से लोगों को पैदल पुल पार करना पड़ रहा है। पुल के दूसरी ओर एचआरटीसी की बसें लोगों को विभिन्न रूटों पर ले जा रही हैं।
3600 रूटों पर चलती है एचआरटीसी की बसें
एचआरटीसी की बसें प्रदेश के 3600 रूटों पर सेवाएं देती हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में एचआरटीसी की बसें लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक छोडऩे का प्रमुख साधन है। कई रूटों पर एचआरटीसी को घाटा भी उठाना पड़ता हैं, लेकिन इन रूटों पर भी एचआरटीसी की बसें लोगों के यातायात का मुख्य साधना है। ऐसे में लोग जल्द बस सेवा बहाल होने की उम्मीद कर रहे हैं।