330 ग्राम वन विकास समितियां, 568 स्वयं सहायता समूह कर रहे कार्य, त्रिपुरा जाइका की टीम ने हिमाचल का भ्रमण किया

आईएफएस नीरज कुमार की अध्यक्षता में परियोजना प्रबंधन इकाई त्रिपुरा जाइका वानिकी परियोजना के नौ सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पॉटरहिल समरहिल में हिमाचल प्रदेश जाइका वानिकी परियोजना मुख्यालय का दौरा किया।

Update: 2022-09-20 01:58 GMT

न्यूज़ क्रेडिट :  divyahimachal.com

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आईएफएस नीरज कुमार की अध्यक्षता में परियोजना प्रबंधन इकाई त्रिपुरा जाइका वानिकी परियोजना के नौ सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पॉटरहिल समरहिल में हिमाचल प्रदेश जाइका वानिकी परियोजना मुख्यालय का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल हिमाचल प्रदेश की जाइका गतिविधियों को जानने के लिए एक सप्ताह के दौरे पर हैं। जाइका परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने बताया कि वानिकी परियोजना ने आगंतुकों को परियोजना के तहत हिमाचल राज्य में की जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 330 से अधिक वीएफडीएस (ग्राम वन विकास समितियां) और 568 स्वयं सहायता समूह परोयोजना के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को परियोजना की सफलता की कहानियों के साथ वन्यजीव प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा, ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग, अनुसंधान गतिविधियों, जड़ी-बूटी सेल, पौधरोपण, नर्सरी में सुधार और आय सृजन गतिविधियों की स्थिति के बारे में जानकारी साझा की।

त्रिपुरा के प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपुरा में सतत जलग्रहण वन प्रबंधन परियोजना के तहत की जा रही गतिविधियों की जानकारी साझा की। बाद में प्रतिनिधिमंडल ने शिमला वन प्रभाग के पनेश का दौरा किया और सदस्यों के साथ बातचीत की। नीरज कुमार ने वीएफडीएस और एसएचजी के प्रयासों की सराहना की, विशेष रूप से महिलाओं की भूमिका, जिन्होंने आय सृजन गतिविधियों जैसे चीड़ से बने उत्पाद जिनमें कमाई की बड़ी संभावना है इत्यादि के बारे में बताया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में परियोजना को सफलतापूर्वक बनाने के लिए राज्य सरकार, हिमाचल प्रदेश की परियोजना प्रबंधन इकाई, समुदायों और लाभार्थी के समन्वित प्रयासों की बी सराहना की। इस दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल हिमाचल में परियोजना की प्रगति से खुद को परिचित कराने के लिए सुकेत, मंडी, कुल्लू और वन्य जीव विभाग की फील्ड गतिविधियों का भी दौरा करेगा।
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