हिमाचल प्रदेश में शिमला के एक गांव में शनिवार सुबह अचानक आई बाढ़ में एक ढाबा बह गया, जिसमें एक बुजुर्ग दंपति और उनके पोते की मौत होने की आशंका है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रोहड़ू क्षेत्र के बदियारा गांव में तीनों का पता लगाने के लिए बचाव कार्य जारी है, जहां लैला नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी। अधिकारियों ने बताया कि रोशन लाल और उनकी पत्नी भागा देवी गांव में एक ढाबा चलाते थे और उनका पोता कार्तिक उनसे मिलने आया था। उन्होंने बताया कि अचानक आई बाढ़ के बाद रोहड़ू में कई घरों और वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने शनिवार को पीटीआई-को बताया कि रोहड़ू से लगभग 30 किलोमीटर दूर यहां कोटखाई तहसील के खालतू नाला के पास बाजार रोड पर एक मीटर गहरी दरारें आ गईं, जिससे बाजार क्षेत्र दो भागों में विभाजित हो गया।
नेगी ने कहा कि शुक्रवार शाम से लगातार हो रही बारिश के कारण दरारें गहरी होने के चलते इलाके में रहने वाले तीन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। एडीजीपी सतवंत अटवाल ने ट्वीट कर कहा कि कोटखाई में बारिश जारी रहने के बाद पानी कोटखाई के एक अस्पताल परिसर में घुस गया, क्षेत्र के मुख्य बस स्टैंड पर एक दीवार ढह गई, पुलिस थाने के सामने भूस्खलन हुआ और बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। अटवाल ने कहा कि दरारें पड़ने के बाद खालतू नाला बाजार के दुकानदारों ने अपना सामान अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया है और क्षेत्र के निवासियों को एहतियात के तौर पर स्थानांतरित कर दिया गया है। शुक्रवार से हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में मध्यम से बहुत भारी बारिश हो रही है।
शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटों के दौरान रेणुका/दादाहु में सबसे अधिक 195 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई जबकि पछाड में 103 मिमी, नाहन में 91 मिमी, चोपाल में 90 मिमी बारिश हुई। आंकड़ों के अनुसार, सोलन में 86 मिमी, अर्की और रोहड़ू में 70 मिमी, मनाली में 63 मिमी, घमौर और कसौली में 62-62 मिमी, राजगढ़ में 54 मिमी और कंडाघाट में 50 मिमी बारिश दर्ज की गई। स्थानीय मौसम कार्यालय ने 22 जुलाई को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ और 23 से 26 जुलाई तक भारी बारिश के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि राज्य में वाहनों के आवागमन के लिए 656 सड़कें बंद हैं, जबकि 1,673 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 376 स्थानों पर पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है।