शिमला। नाबालिग से दुराचार करने के मामले में शिमला की विशेष जज की अदालत ने दोषी अजय कुमार को 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने सभी तरह के सबूत जांचने के बाद आरोपी काे दोषी माना है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट् ट्रैक विशेष न्यायालय पोक्सो शिमला ने मामले से जुड़े तथ्यों, रिकॉर्ड व साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि दोषी के खिलाफ दोष पूरी तरह से साबित होता है। अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय के समक्ष रखे तथ्यों के अनुसार दोषी पीड़िता का रिश्ते में फूफा लगता है। उसने फरवरी-मार्च 2019 को नाबालिग से दुराचार किया। इसके बाद भी उसने कई बार नाबालिग को हवस का शिकार बनाया।
आरोपी की ओर से पीड़िता को धमकी दी गई थी कि अगर वह इस बारे किसी को बताएगी तो वह उसे जान से मार देगा। पीड़िता के गर्भवती होने के बाद पैदा हुए बच्चे को भी दोषी ने शौचालय में गिरवा दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए 29 गवाह अदालत के समक्ष पेश किए गए थे। आरोपी के खिलाफ दोष साबित हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रताप सिंह ठाकुर ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड व साक्ष्यों का अवलोकन किया, जिसके बाद दोष साबित होने पर सजा सुनाई।