प्रदेश के 1500 करोड़ गर्क, सरकार ने आकलन-रिकवरी के लिए बनाया वर्किंग ग्रुप
शिमला: हिमाचल को इस मानसून सीजन के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण हुई 10000 करोड़ रुपए से ज्यादा की क्षति के अलावा भी कई जख्म मिले हैं। आपदा के बाद से जुलाई महीने से ही राज्य में टूरिज्म और कारोबार ठप है। इस कारण इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर माह के बीच राजस्व कलेक्शन में बड़ा झटका लगने वाला है। यह आभास होते ही राज्य सरकार ने एक वर्किंग ग्रुप बनाने का फैसला किया है। यह वर्किंग ग्रुप न सिर्फ नुकसान का आकलन करेगा, बल्कि इससे रिकवरी के तरीके भी बताएगा। हिमाचल में भारी बारिश के कारण सडक़ टूटने से टूरिज्म और अन्य तरह के कारोबार ठप हैं। इस कारण तीन महीने के भीतर राज्य को होने वाली कमाई में 1500 करोड़ का झटका लगने वाला है। यह नुकसान दूसरी तिमाही के वैट, जीएसटी और एक्साइज में भारी गिरावट के कारण होगा। राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैल्यू एडेड टैक्स वसूलती है और इस अवधि में यह बिक्री नहीं हो पाई है।
कारोबार ठप होने के कारण जीएसटी कलेक्शन भी तेजी से गिरा है। शराब का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस वजह से स्टेट एक्साइज की कलेक्शन भी गिरेगी। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून माह में वैट, जीएसटी और स्टेट एक्साइज में 2520 करोड़ की कलेक्शन हुई थी। पिछले साल दूसरी तिमाही की बात करें तो 2094 करोड़ सरकार ने कमाए थे, लेकिन इस बार बाढ़ के कारण जुलाई, अगस्त व सितंबर महीने में इस कलेक्शन में करीब 1500 करोड़ का झटका लगने का आकलन है। राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि हिमाचल में आपदा के कारण हुए नुकसान के बाद के भी बहुत सारे असर हैं। सबसे बड़ी क्षति राज्य की अपनी कलेक्शन पर होने वाली है। यही वजह है कि एक वर्किंग ग्रुप बनाई जा रही है। इसमें वित्त के अलावा आबकारी व प्लानिंग के अधिकारी शामिल किए जाएंगे। (एचडीएम)
कलेक्शन (इस साल पहली तिमाही)
वैट 440 करोड़
जीएसटी 1410 करोड़
स्टेट एक्साइज 670 करोड़
कुल कलेक्शन 2520 करोड़
कलेक्शन (पिछले साल दूसरी तिमाही)
वैट 354 करोड़
जीएसटी 1240 करोड़
स्टेट एक्साइज 500 करोड़
कुल कलेक्शन 2094 करोड़
भारत सरकार को जाएगा संशोधित मेमोरेंडम
हिमाचल सरकार आपदा में हुए नुकसान का संशोधित मेमोरेंडम भारत सरकार को भेजने जा रही है। इससे पहले भेजे गए मेमोरेंडम में 6300 करोड़ का नुकसान बताया गया था, जो अब 10000 करोड़ के पास पहुंच रहा है। मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को यह मेमोरेंडम फाइनल कर दिल्ली भेजने को कहा है। भारत सरकार से अब तक सिर्फ 200 करोड़ आपदा राहत में आए हैं। ऐसे में यदि कोई स्पेशल पैकेज नहीं मिला, तो आने वाले दिनों में हालात और मुश्किल हो जाएंगे। राज्य सरकार को ऐसे समय में स्पेशल सेंट्रल अस्सिटेंस की ज्यादा जरूरत है। इसकी वजह यह है कि एसडीआरएफ में मिलने वाले पैसे को इस्तेमाल करने का दायरा सीमित होता है।