12वीं सदी में भी रियासत की राजधानी सिरमौरी ताल बाढ़ से नष्ट हो गई थी

Update: 2023-08-11 06:10 GMT

हिमाचल प्रदेश के सिरमौरी ताल ने एक बार फिर अपना सदियों पुराना इतिहास दोहरा दिया है। 12वीं शताब्दी में भीषण बाढ़ से नष्ट हुए सिरमौरी ताल में फिर मची तबाही ने लोगों के जख्म हरे कर दिए हैं। किवदंती के अनुसार नटनी के श्राप से गर्क हुए सिरमौरी ताल की चर्चा फिर लोगों की जुबां पर आ गई है। दरअसल, सिरमौरी ताल के विध्वंस का कारण नटनी के श्राप से जोड़ा जाता है। कभी सिरमौरी ताल सिरमौर रियासती की प्राचीन राजधानी हुआ करता था, जिसके विनाश के बाद काफी समय तक राजबन सिरमौर की राजधानी रही। इसे 1219 ईस्वी में राजा उदित प्रकाश ने यमुना और टौंस नदियों के संगम स्थल कालसी स्थानांतरित कर दिया गया था।

1621 में राजा कर्म प्रकाश ने नाहन नगर की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया। तब से लेकर नाहन ही इस रियासत की राजधानी रही। अब सदियों बाद फिर सिरमौरी ताल में बादल फटने से हुई भारी तबाही लोगों में चर्चा का विषय बन गई है। लोगों को एक बार फिर वही दुख भरी दास्तां याद आ गई है, जब संपन्न सिरमौर रियायत सदियों पहले गर्क हो गई थी। यही नहीं नई राजधानी की तलाश में तत्कालीन महाराजा को नए स्थान पर रिसायत बसाने के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा था। इस घटना के बाद सिरमौरी ताल के लोग आज फिर पलायन करने की स्थिति में आ गए हैं।

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