सालों पहले निजी जमीन पर बना दी सड़क, कोर्ट के आदेश पर भूमि मालिक को मिला आधे रोड पर कब्जा

सालों पहले निजी जमीन पर बना दी सड़क

Update: 2022-04-27 05:23 GMT
कुरूक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बड़ा ही अनोखा मामला सामने आया है. यहां सेक्टर-7 में स्थित केडीबी वीआईपी रोड के आधे हिस्से पर आखिरकार 21 साल बाद एक भूमि मालिक को कब्जा मिला है. अदालत के आदेश पर जिला प्रशासन ने सोमवार दोपहर कांशीराम को उसके प्लॉट का कब्जा सौंपा. जमीन के मालिक कांशीराम ने भी उसी वक्त एक तरफ कंटीली तार बांधकर शहर की मेन रोड को बंद कर दिया. रास्ता बंद होते ही पुलिस ने रूट को डायवर्ट कर दिया. इसके बाद चौक से पहले बैरिकेड भी लगा दिए.
दरअसल ये पूरा मामला साल 2001 का है. उस दौरान हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने सेक्टर के लिए जमीन एक्वायर की थी. इस दौरान कांशीराम, गुरचरण सिंह, दीदार सिंह की जमीन भी अवार्ड-3 के तहत अधिग्रहित हुई थी. कांशीराम ने 242 वर्ग गज के प्लॉट पर अपना हक जताया था. कोर्ट ने उक्त जमीन उनको रिलीज कर दी थी. प्रशासन ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए डीआरओ चांदीराम और एचएसवीपी के ईओ योगेश रंगा को इसके लिए अधिकृत किया था. अधिकारियों को कब्जा दिलवाने के बाद पांच अप्रैल 2021 तक कोर्ट में जवाब देना था. कांशीराम ने कहा कि जमीन पर उनका हक है. इसे लेकर कई बार समझौते भी हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक अपना हक नहीं मिलाकोर्ट ने पिछले महीने भी इस मामले में प्रोजेक्शन वारंट जारी किया था लेकिन तब किन्ही कारणों से भूमि मालिको को कब्जा नहीं मिल पाया. इसके बाद दोबारा से कोर्ट में याचिका लगाई जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार नवनीत कुमार, कानूनगो, हुडा के जेई ने मौके पर पहुंचे. राजस्व विभाग ने अदालत के आदेश पर पैमाइश की तो प्लॉट की जमीन में आधा केडीबी रोड आ गया. इस पैमाइश में 100 फीट रोड की 22 x 99 फीट यानि 242 वर्ग गज की जमीन कांशीराम के हिस्से में आ गई. जमीन की पैमाइश होते ही जेसीबी ने सड़क के किनारों पर खोदाई शुरू कर दी. पांच घंटे की कार्रवाई के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने जमीन मालिक को उसका कब्जा दिलाया.
कांशी राम के अलावा एक अन्य प्लॉट मालिक दीदार सिंह ने बताया कि रतगल रकबे के अंतर्गत उनकी जमीन आती है. इस जमीन को भू-अर्जन अधिकारी ने 12 दिसंबर 2001 को अवार्ड-तीन के तहत अधिकृत कर लिया था. इसके बाद उन्होंने साल 2006 में इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने 18 फरवरी 2008 को एचएसवीपी की याचिका खारिज कर उनकी जमीन वापस देने के आदेश दिए थे. जिसके बाद उन्हें भी कब्जा मिला है.क्या है अवार्ड- किसी भी योजना के लिए अगर प्रशासन और किसानों के बीच करार की सहमति नहीं होती है, तब जिला प्रशासन संबंधित योजना को भूमि लेने के लिए अवार्ड घोषित करा देता है. ऐसा होने पर शासन अपनी व्यवस्थानुसार भूमि के रेट घोषित देता है. ऐसे में अगर किसान मुआवजा नहीं लेते तो कोर्ट में जमा करा दिया जाता है तथा जमीन का अर्जन कर लिया जाता है.
वहीं सड़क बंद होने से हड़कंप मच गया. ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु करने के लिए मौके पर थाना शहर प्रभारी सीमा व सेक्टर 7 पुलिस चौकी प्रभारी भी मौजूद रहे. लोगों में चर्चा है कि एक ओर तो शहर की सड़के पहले ही उखड़ी पड़ी है उन पर कार्य चल रहा है. दूसरी ओर जो सड़क चलने लायक थी उसको बंद कर दिया गया है. अब देखना यह होगा कि यह सड़क बंद रहेगी या इसे खोला जाएगा.
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