यमुनानगर की बेटी कर उत्तर प्रदेश PCS-J में हुआ चयन, बुलंदियों तक पहुंचाने में मददगार है आलोचना

Update: 2023-09-01 11:25 GMT
हम अक्सर अपनी आलोचना को नकारात्मक रूप में लेते हैं पर सकारात्मक भाग से अपनाई गई आलोचना आपको आगे बढ़ने में मदद करती है और आपको बुलंदियों तक पहुंचा सकती है। आप आलोचना से खुद में सुधार ला सकते हैं। ये कहना है यमुनानगर निवासी कशिश अग्रवाल का। उनके इसी जबाव को साक्षात्कार बेहतर माना गया। इसलिए उनका चयन उत्तर प्रदेश में पीसीएसजे के माध्यम से सिविल जज जूनियर डिविजन के रूप में हुआ है।
 परिजनों और शिक्षकों ने खुशी जताई
कशिश ने अपने पहले प्रयास में पीसीएसजे परीक्षा पास की है। उन्होंने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अपने साक्षात्कार की तैयारी अंबाला के मुलाना स्थित महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय के अपने शिक्षकों की मदद से 10 दिन में की। उन्होंने सहायक प्राध्यापिका गायत्री शर्मा व अन्य प्राध्यापकों के नेतृत्व में साक्षात्कार की ऑनलाइन व ऑफलाइन तैयारी की। कशिश के चयन पर उनके परिजनों और शिक्षकों ने खुशी जताई है।
मेंस परीक्षा में उनके लिए कई चुनौतियां थी
कशिश बताती हैं कि प्री और मेंस परीक्षा में उनके लिए कई चुनौतियां थी। उत्तर प्रदेश के बारे में पहले उन्होंने अधिक पढ़ा नहीं था। इसके बाद इस परीक्षा को लेकर उन्होंने सिलेबस मंगाया और तैयारी करनी शुरू की। सामान्य ज्ञान की पढ़ाई की। यह सभी मेहनत आज कामयाब हो गईं। वह बताती हैं कि पीसीएसजे-प्री परीक्षा देने के तत्काल बाद उन्होंने परिणाम का भी इंतजार नहीं किया और मुख्य परीक्षा की तैयारी करने में जुट गईं।
यमुनानगर में हुई शुरुआती पढ़ाई
कशिश ने बताया कि उनके पिता राजन अग्रवाल राइस मिल के संचालक हैं और माता शिवानी अग्रवाल गृहिणी हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई यमुनानगर के डीपीएस स्कूल से हुई है। 12वीं में उन्होंने ह्युमेनिटी विषय ले लिया, और 88 प्रतिशत के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद बीए एलएलबी की पढ़ाई करने मुलाना स्थित महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय चली आईं। यहां पर एलएलबी के आखिरी वर्ष में यूपी पीसीएसजे के बारे में पता चला और उन्होंने इसके लिए आवेदन कर दिया। चडीगढ़ से कोचिंग लेने के साथ खुद भी समय सारिणी बनाकर तैयारी की।
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