गुडगाँव न्यूज़: थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2023 में बेशक घटी हो लेकिन इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई में तेज वृद्धि हुई है. खाद्य वस्तुओं की महंगाई फरवरी के 3.81 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 5.48 प्रतिशत पर पहुंच गई.
सब्जियों, प्याज और आलू में मुद्रास्फीति अब भी शून्य से नीचे है लेकिन मूल्य वृद्धि फरवरी की तुलना में अधिक है. सब्जियों के दाम मार्च में 2.22 प्रतिशत ही घटे, जबकि फरवरी में इनकी कीमतों में 21.53 प्रतिशत की कमी आई थी. इसी तरह प्याज के दाम मार्च में 36.83 प्रतिशत कम हुए, जबकि फरवरी में इनमें 40.14 प्रतिशत की कमी आई थी. दालों की महंगाई दर फरवरी में 2.59 फीसदी थी, जो मार्च में 3.03 प्रतिशत हो गई. विशेषज्ञों का कहना है कि खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में अनाज विशेषकर गेहूं के दामों में कमी आ रही है लेकिन सब्जियां, फल, दूध और दाल जैसी वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं.
अक्टूबर 2020 के बाद सबसे कम मार्च में थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा अक्टूबर 2020 के बाद से सबसे कम है. तब मुद्रास्फीति की दर 1.31 प्रतिशत थी. इससे पहले खुदरा मुद्रास्फीति भी मार्च में घटाकर 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई.
खुदरा दर पर कैसे होगा असर:
विशेषज्ञों के आकलन के मुताबिक थोक महंगाई का असर उपभोक्ताओं तक पहुंचने में एक से डेढ़ माह तक का समय लगता है. ऐसे में यदि थोक खाद्य महंगाई में तेजी आती है तो इसका मतलब है कि आने वाले डेढ़-दो माह में खुदरा खाद्य महंगाई भी बढ़ेगी.
इनके दाम में लगातार उतार-चढ़ाव (प्रतिशत में)
सामान पहले अब:
दालें 2.59 3.03
सब्जियां -21.53 -2.22
प्याज -40.14 -36.83
फल 7.02 4.89
एलपीजी -7.12 3.31
(नोट -आंकड़े फरवरी और मार्च 2023 के हैं)
बीते 13 माह में थोक मुद्रास्फीति की चाल
मार्च-22 14.63
अप्रैल 15.38
मई 16.63
जून 16.23
जुलाई 14.07
अगस्त 12.48
सितंबर 10.7
अक्तूबर 8.67
नवंबर 5.85
दिसंबर 5.02
जनवरी-23 4.73
फरवरी 3.85
मार्च 1.34
(आंकड़े प्रतिशत में)