उद्योगों को ढाई गुणा महंगा पानी, जानिए कब से लाागू होंगी नई दर

Update: 2022-07-17 11:08 GMT

जल संसाधन प्राधिकरण ने थोक जलापूर्ति दरों में चार साल बाद बदलाव किया है। कृषि क्षेत्र और आम उपभोक्ताओं पर अभी नई दरों का कोई असर नहीं होगा।

हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने सरकारी विभागों और उद्योगों के लिए थोक जलापूर्ति दरें बढ़ा दी हैं। अब आपूर्ति करने वाले विभागों को पानी पांच गुणा और उद्योगों को ढाई गुणा महंगा मिलेगा। नई दरें पहली अगस्त 2022 से लागू होंगी। प्राधिकरण ने दरों में चार साल बाद बदलाव किया है। कृषि क्षेत्र और आम उपभोक्ताओं पर इस बढ़ोतरी का कोई असर नहीं पड़ेगा।

थोक दरें बढ़ने के बाद जलापूर्ति करने वाले जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, सिंचाई विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण आने वाले समय में अपने हिसाब से दरों में वृद्घि कर सकते हैं। सितंबर 2018 में थोक जलापूर्ति दरें बढ़ने के बाद 2019 में शहरी उपभोक्ताओं से नई दरों अनुसार बिल वसूली शुरू हो गई थी। उद्योगों के लिए पानी ढाई गुणा महंगा होने की मार आम आदमी पर भी पड़ेगी। चूंकि, उद्योग पानी का बिल अधिक आने पर अपने उत्पादों के मूल्य बढ़ा सकते हैं।

दरें बढ़ाने से पहले प्राधिकरण ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के साथ लंबी चर्चा की है। 2018 में पानी की थोक दरों में उद्योगों, बिजली संयंत्रों और थोक उपयोगकर्ताओं के लिए 2012 की तुलना 2.35 गुणा, पेय-बोतल उद्योग के लिए लगभग 5 गुणा व पेयजल के लिए लगभग 5 गुणा बढ़ोतरी की गई थी।

2018 की दरों के अनुसार 2019-20, 2020-21 और 2021-2022 के लिए औसत राजस्व लगभग 184.11 करोड़ रुपये ही आ रहा है। यह इन क्षेत्रों में खर्च की जा रही राशि 1658.09 करोड़ रुपये का केवल 11.10 प्रतिशत ही है। ऐसे में जल संसाधन प्राधिकरण को दरें बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही थी।

जल दरों को संशोधित करना नियमित प्रक्रिया : कादियान

प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने संशोधित जल दरों पर कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है। समय के साथ इसे जल संसाधनों की उपलब्धता, उपयोग और आपूर्ति को देखते हुए संशोधन की जरूरत महसूस की जा रही थी। इससे पहले दरों को वर्ष 2012, फिर 2018 में संशोधित किया गया था। लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (सीआईआई) कम से कम 45 अंक बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2017-2018 में 272 से बढ़कर यह वित्त वर्ष 2021-2022 में 317 हो गया है। थोक जलापूर्ति दरों का निर्णय सिंचाई और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभागों के प्रस्ताव के आधार पर किया जाता है। दरें बढ़ाने का उद्देश्य लोगों को पानी का इस्तेमाल करने के प्रति सचेत बनाना है।

अनियंत्रित जल उपयोग रोकने में मदद मिलेगी

कादियान ने कहा कि थोक दरों में वृद्धि से अनियंत्रित जल उपयोग को रोकने में मदद मिलेगी। पानी की बर्बादी को कम किया जा सकेगा। इससे उद्योग और बिजली क्षेत्र में उपचारित अपशिष्ट जल का इस्तेमाल करने की ओर बढ़ेंगे। जल संसाधन परियोजनाओं के संचालन, मरम्मत और अन्य कार्यों पर बिल वसूली से अधिक खर्च आ रहा है, इससे नई परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं।

सरकार ने पारित किया संशोधन अधिनियम : अरोड़ा

प्राधिकरण की अध्यक्ष केशनी आनंद अरोड़ा ने बताया कि थोक जलापूर्ति दरों में वृद्घि के लिए सिफारिश की गई थी। हाल ही में सरकार ने संशोधन अधिनियम 2022 पारित किया है। उसके बाद प्राधिकरण नई दरें लागू करने जा रहा है। 2019-20, 2020-21 और 2021-2022 के औसत व्यय और राजस्व आंकलन के आधार पर दरों में आंशिक वृद्घि की गई है।

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