हाईवे पर काटे गए पेड़ों की जगह दो लाख पौधे लगेंगे

Update: 2023-04-18 07:05 GMT

एनसीआर न्यूज़: गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी हाईवे के निर्माण के दौरान वन विभाग से अनुमति लेकर काटे गए 18 हजार पेड़ों की जगह अब दो लाख पौधे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को गुरुग्राम में ही लगाने होंगे.

काटे गए पेड़ों वाली जगह के दस किलोमीटर दायरे में ही अब एनएचएआई को इन पेड़ों के लगाने के लिए जगह की तालाश करनी होगी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर दिए हैं. इसके अलावा बीते छह माह से बंद पड़े हाईवे के चौड़ीकरण का काम भी शुरू करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जारी कर दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई को वन विभाग, हरियाणा सरकार और पर्यावरणविदों को साथ लेकर जमीन तलाश कर उस जगह पर पेड़-पौधे लगाने के आदेश जारी किए हैं.

गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर एनएचएआई ने वन विभाग से अनुमति लेकर करीब 18 हजार पेड़ों को काटा है. पर्यावरणविद् विवेक कंबोज, वैशाली राणा चंद्रा और रोमा विनायक ने इस अनुमति को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में चुनौती दी थी. वन विभाग ने पंचकूला स्थित मोरनी हिल्स में पेड़ों की कटाई के बदले में पौधे लगाने की अनुमति दी थी.

पर्यावरणविदों की मांग थी कि जब पेड़ों की कटाई गुरुग्राम में हो रही है तो उसके आसपास लगते एरिया को हरा-भरा किया जाना चाहिए. छह अप्रैल को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि गुरुग्राम में काटे गए पेड़ों के बदले गुरुग्राम में ही पेड़ लगाए जाएंगे.

शहर में हरियाली बढ़ेगी: पर्यावरणविद् वैशाली राणा चंद्रा के मुताबिक करीब 300 एकड़ जमीन में यह पेड़-पौधे लगेंगे. ये बहुत बड़ी जीत है. उन्होंने बताया कि गुरुग्राम के बदले में पंचकूला में पौधे लगाए जा रहे थे. एनसीआर में वैसे प्रदूषण अधिक है. इतनी अधिक संख्या में पेड़ों की कटाई से भविष्य में प्रदूषणस्तर और बढ़ता. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत करते हैं. अब विभाग के साथ मिलकर जल्द ही इन पेड़ों को लगाने के लिए जमीन की तालाश कर दो लाख पेड़-पौधे लगाए जाएंगे. इससे शहर की हरियाली बढ़ेगी.

शुरुआत में विवाद भी हुआ था: गुरुग्राम, रेवाड़ी और पटौदी को जोड़ने वाली फोर-लेन 43 किलोमीटर लंबी हाईवे प्रोजेक्ट को चौड़ा करने का काम जुलाई 2020 में शुरू हुआ था, लेकिन प्रोजेक्ट के लिए दी गई वन मंजूरी के खिलाफ पर्यावरणविदों द्वारा दायर अपील पर एनजीटी ने सितंबर 2022 में रोक लगा दी थी. इसके बाद से हाईवे के चौड़ीकरण का काम बीच में ही अटका हुआ था.

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