दर्दनाक हादसा: एक ट्रक चालक ने डायल 112 ईआरवी को मारी टक्कर, पुलिसकर्मी ईएचसी सुरेंद्र की मौत एक घायल
ट्रक चालक ट्रक छोड़कर फरार हो गया
जनता से रिस्ता वेबडेस्क: निसिंग/करनाल। नेशनल हाईवे 709ए, करनाल-जींद रोड पर प्योंत टोल प्लाजा के समीप मंगलवार रात करीब ढाई बजे सड़क किनारे खड़ी डायल 112 ईआरवी गाड़ी को तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे ट्रक ईआरवी गाड़ी के ऊपर पलट गया। इस हादसे में एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान ट्रक करीब 20 मीटर तक ईआरवी गाड़ी को घसीटता हुआ खेतों तक ले गया। दोनों पुलिस कर्मी गाड़ी में ही फंसे रहे। राहगीरों व टोल कर्मियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद गाड़ी की छत व खिड़की तोड़कर उन्हें बाहर निकाला। घटना की सूचना मिलने पर आईजी ममता सिंह, एसपी पानीपत सहित निसिंग थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए।
बचाव में चिल्लाते रहे घायल, ट्रक में सवार तीन लोग भाग गए
घायल ईएएसआई मुकेश राणा निवासी गांव टयोंठा ने बताया कि वह डायल 112 ईआरवी पर तैनात था। उनके साथ ईएचसी सुरेंद्र निवासी मुन्नारेहड़ी जिला कैथल भी साथ था। रात दो से तीन बजे तक उनका असंध रोड पर गुल्लरपुर अड्डे का प्वाइंट था। वे सड़क किनारे खड़े थे। करीब ढाई बजे रात असंध की ओर से एक तेज रफ्तार ट्रक चालक आया और उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। उनकी गाड़ी खेतों चली गई। वह और सुरेंद्र गाड़ी में ही फंस गए। वे बचाव के लिए चिल्लाते रहे लेकिन ट्रक में सवार तीन लोग भाग गए। राहगीरों व टोल कर्मियों ने लोहे की रॉड से कार की छत को उखाड़ा, खिड़की तोड़ी तब उन्हें गाड़ी से निकाला और अस्पताल में दाखिल कराया। जहां डॉक्टरों ने सुरेंद्र को मृत घोषित कर दिया। उसकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है।
हादसे के बाद पुलिस ने ट्रक की तलाशी ली तो उसमें से बिल मिले। जिससे पता चला कि ट्रक जींद से धान की बोरियां भरकर तरावड़ी की एक राइस मिल के लिए चला था। ट्रक में ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला है। जिसमें सोनू निवासी रोहतक रोड रामनगर, जींद का पता लिखा है।
चार साल की बेटी घर में कर रही थी पिता का इंतजार
ईएचसी सुरेंद्र 2007 में पुलिस में भर्ती हुए थे। 2012 में उनकी शादी कुरुक्षेत्र के गांव जलबेहड़ा में रीना के साथ हुई थी। वे अपनी चार साल की बेटी पल्लवी से बहुत प्यार करते थे। हर बार ड्यूटी पूरी कर जब वे घर जाते थे तो बेटी के लिए एक खिलौना और खाने के लिए कुछ न लेकर जाते थे। नौ फरवरी की सुबह उनकी ड्यूटी खत्म होने के बाद घर जाना था। घर पर चार साल की बेटी इंतजार करती रही। परिजनों ने बताया कि सुरेंद्र अपनी ड्यूटी का पाबंद था। उसे अपनी पत्नी का डॉक्टर से चेकअप भी कराना था लेकिन उसने कहा कि पहले ड्यूटी करनी है फिर आकर चेकअप कराऊंगा। इस घटना के बाद पुलिस विभाग के साथ-साथ परिवार में मातम का माहौल है।