‘तलाक-ए-हसन’ की वैधता पर विचार करेंगे शीर्ष कोर्ट

Update: 2023-05-06 13:14 GMT

चंडीगढ़ न्यूज़: उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह मुसलमानों के बीच तलाक-ए-हसन की वैधता को चुनौती देने वाले बड़े संवैधानिक मुद्दे की जांच करेगा.

तलाक को चुनौती देने वाली आठ याचिकाओं की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाशीध डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने हालांकि कहा कि वह व्यक्तिगत वैवाहिक विवादों में नहीं उलझेंगे. इन याचिकाओं में गाजियाबाद निवासी बेनजीर हिना की याचिका भी शामिल है.

पीठ ने कहा कि चूंकि अदालत एक संवैधानिक चुनौती पर विचार कर रही है, यह स्पष्ट किया जाता है कि याचिकाकर्ता (हीना) और नौवां प्रतिवादी (उसका पति), जो पहले से ही अपने वैवाहिक मुद्दों के समाधान के लिए विभिन्न मंचों से संपर्क कर चुके हैं और ऐसे में कोई भी मामला जो संवैधानिक मुद्दे से संबंधित नहीं होगा उसे रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाएगा.

न्यायालय ने केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता कानू अग्रवाल से बैच में अन्य याचिकाओं में मांगी जा रही राहत पर एक सारणीबद्ध चार्ट तैयार करने और सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत के समक्ष पेश करने को कहा. सुनवाई की शुरुआत में हिना के अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि पिछली सुनवाई में उनके पति को उपस्थित होने को कहा गया था और अब एक हलफनामा दायर किया गया है जिसमें वैवाहिक विवाद से संबंधित सभी तथ्य हैं जिन्हें रिकॉर्ड से हटाने की जरूरत है.


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