गुडगाँव न्यूज़: मिलेनियम सिटी में बनी हाईराइज हाउसिंग सोसाइटी का भी स्ट्रक्चरल ऑडिट होगा. सोसाइटी में रह रहे लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने 55 हाउसिंग सोसाइटी का विजुवल निरीक्षण करवाने का फैसला लिया. पहले फेज में करीब 23 हाउसिंग सोसाइटी का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाया जाएगा.
इसके बाद 32 सोसाइटियों का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया जाएगा. इनमें निर्माण की गुणवत्ता के तहत विभिन्न मानकों पर आधारित निरीक्षण किया जाएगा. इस निरीक्षण से असुरक्षित बिल्डिंगों की पहचान होगी, ताकि चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी जैसा हादसा दोबारा न हो. उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने एडीसी हितेश कुमार मीणा, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रवीण चौधरी व डीटीपी(ई) मनीष यादव के साथ बैठक के दौरान निर्देश दिए.
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि पैराडाइसो सोसाइटी में बीते साल फरवरी में हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन का प्रयास है कि लोगों के लिए असुरक्षित बिल्डिंग की पहचान कर उनका स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाया जाए. रिपोर्ट के आधार पर अगर जरूरत पड़ी तो उसकी मरम्मत करें और यदि मरम्मत करने लायक न हो तो उसे खाली करवाएं.
आरडब्ल्यूए की संयुक्त बैठक होगी
उपायुक्त ने बताया कि निरीक्षण में संबंधित बिल्डिंग के ओवरआल रखरखाव,प्लास्टर उतरने, बेसमेंट में लीकेज, सीपेज, नमी व क्रेक, बीम, स्लैब और फर्श की नमी, बिल्डिंग की छत पर बनाए गए पानी के टैंक व शाफ्ट की स्थिति जैसे विभिन्न बिंदुओं को शामिल किया गया था. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान करीब 23 हाउसिंग सोसाइटी ऐसी पाई गई जो कि इन बिंदुओं पर खरी नहीं पाई गई. जिला प्रशासन ने इन बिल्डिंग की गुणवत्ता जांच को पुख्ता करने के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है. जल्द ही संबंधित बिल्डर व आरडब्ल्यूए की एक संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी.
15 सोसाइटी में पहले चरण का ऑडिट हो चुका
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि 15 रिहायशी सोसाइटियों के स्ट्रक्चरल ऑडिट का पहला चरण पूरा हो चुका है. 10 जुलाई से स्ट्रक्चरल ऑडिट का दूसरा चरण शुरू होगा. उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 15 रिहायशी सोसाटियों का चयन किया है. बिल्डर्स को जिला प्रशासन की ओर से चिट्टी लिखी गई है.
चार कंपनियां जांच करेंगी
सोसाइटियों में चार अलग-अलग कंपनिया ऑडिट करेगी. 23 सोसाइटियों के ऑडिट में आने वाला खर्च को बिल्डर और आरडब्ल्यूए आधा-आधा वहन करेगी.ऑडिट रिपोर्ट में खामियां मिलने पर बिल्डर द्वारा ही पूरा खर्च वहन किया जाएगा.