चंडीगढ़ न्यूज़: गांव इमामुद्दीनपुर में पंचायती जमीन पर महिला पुलिस नहीं मिलने से प्रशासन अवैध कब्जा नहीं हटा पाया. हालांकि पुलिस की टीम तो मिली थी, लेकिन महिला पुलिस नहीं मिलने से प्रशासन वापस लौट आया.
तोड़फोड़ की खबर सुनने के बाद नजदीक के गांव शाहजहांपुर के लोग रास्ते में खड़े हो गए. प्रशासन को आशंका थी कि कहीं गांव के लोग तोड़फोड़ का विरोध न कर दें. बहरहाल,महिला पुलिस नहीं मिलने के कारण तोड़फोड़ नहीं होने की पुष्टि बीडीपीओ एवं डयूटी मजिस्ट्रेट अजीत सिंह ने की.
बीडीपीओ अजीत सिंह ने बताया कि तिगांव विधानसभा के गांव इमामुद्दीनपुर की पंचायती जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा किया हुआ है. जिसे हटाने के लिए पुलिस बल तैयार हो गया, लेकिन महिला पुलिस नहीं मिलने से तोड़फोड़ नहीं हो सकी. अब पुन तोड़फोड़ की तारीख लेने के लिए एसडीएम को लिखा जाएगा.
इधर, इमामुद्दीनपुर के सरपंच सतीश ने बताया कि गांव की करीब 3 एकड़ पंचायती जमीन पर करीब 15-20 लोगों ने अपने मकान व दुकाने बनाई हुई है. जिस पर करीब 8 साल से वह कब्जा करके बैठे है. इस जमीन को प्रशासन खाली कराने आया था, लेकिन महिला पुलिस नहीं मिलने से तोड़फोड़ नहीं हो सकी.
सूचना पर पूरा गांव रोड पर आ गया था
सरपंच ने बताया कि गांव शाहजहांपुर के लोगों को जैसे ही पता चला कि प्रशासन इमामुद्दीनपुर में पंचायती जमीन को खाली कराने आ रहा है, तो पूरा गांव रोड पर खड़ा हो गया. इतना जरूर है कि प्रशासन उनके सामने नहीं पहुंचा अन्यथा पथराव भी हो सकता था. यह जमीन पट्टे पर दी गई थी और उसके बाद कब्जा हो गया. जिसका मुकदमा अदालत में चल रहा था.