हरयाणा में फिर शुरू कर दिया अवैध कॉलोनियां काटने का खेल

Update: 2022-08-23 12:04 GMT

रेवाड़ी क्राइम न्यूज़: प्रदेश सरकार की ओर से वर्षों से बसी अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के लिए गत 19 जुलाई को अधिसूचना जारी करते हुए ऐसी कॉलोनियों के माथे से 'अवैध' का कलंक मिटाने का रास्ता साफ कर दिया था। इसी अधिसूचना की आड़ में प्रभावशाली लोगों ने मकान बनाने के इच्छुक लोगों को भ्रमजाल में फंसाकर शहर के चारों ओर प्लॉटिंग का कार्य तेज कर दिया है। जो कॉलोनाइजर वर्षों पहले लोगों को प्लॉट बेच चुके हैं, उनकी पुरानी कॉलोनियों को नियमित कराने में खास दिलचस्पी नहीं है। यह लोग नई कॉलोनियां विकसित कराने की मुहिम में जुट गए हैं, जबकि सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद की कॉलोनियों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

प्लॉटिंग के खेल में चांदी काटने में माहिर प्रॉपर्टी डीलरों और कॉलोनाइजरों ने शहर के चारों ओर नगर परिषद की सीमा से बाहर अवैध प्लॉटिंग का कार्य वर्षों से शुरू किया हुआ है। प्लॉट बेचने के बाद यह लोग एक तरफ हट जाते हैं। इसके बाद जब प्लॉट खरीदने वाले लोग मकान निर्माण का कार्य शुरू करते हैं, तो डीटीपी की टीम उसके निर्माण को धराशाही कर देती है। इससे प्लॉट खरीदने वाले लोगों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे ही कॉलोनाइजरों की बदौलत शहर के चारों ओर 110 से ज्यादा कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। इन कॉलोनियों पर लगातार तोड़फोड़ की तलवार लटकी रहती है। डीटीपी विभाग की ओर से जून माह में कई कॉलोनियों में लोगों को नोटिस भी जारी किए गए थे, जिसके बाद वर्षों से मकान बनाकर रह रहे लोगों को अपने घर टूटने की आशंका सताने लगी थी।

प्रदेश सरकार की ओर से अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने की योजना करीब 3 वर्ष से बनाई जा रही थी, लेकिन सरकार इसके लिए पॉलिसी बनाने में सोच-समझकर कदम उठाना चाहती थी। पहले सरकार ने प्रदेश के हर जिले में ऐसी कॉलोनियों का सर्वे कराया था, जो लगभग पूरी तरह से विकसित हो चुकी हैं। इसके बाद जुलाई माह में सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए 25 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक निर्माण हो चुकी कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा कर दी थी। सरकार की ओर से ऐसी कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए 19 दिसंबर तक समय दिया है। नोटिफिकेशन के बाद डीटीपी कार्यालय की ओर से भी लोगों को कॉलोनियां विकसित करानेक की प्रक्रिया पूरी करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए डीटीपी वेदप्रकाश प्रॉपर्टी डीलरों और कॉलोनाइजरों की बैठक तक बुला चुके हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार शहर के कई कॉलोनाइजर अधिसूचना की आड़ में लोगों को यह कहते हुए गुमराह कर रहे हैं कि उनके काटे गए प्लॉटों पर मकान बनवाकर कॉलोनी को नियमित करा दिया जाएगा। हकीकत यह है कि उन्हीं कॉलोनियों को नियमित करने का प्रावधान किया गया है, जो अधिसूचना जारी होने से पहले विकसित हो चुकी हैं। कॉलोनाइजर चाहते हैं कि पुरानी कॉलोनियों की आड़ में वह नई कॉलोनियां काटकर उन्हें नियमित करा लेंगे, परंतु ऐसा दूर-दूर तक संभव नजर नहीं आ रहा।

पुरानी कॉलोनियों पर नहीं दे रहे ध्यान: जिन कॉलोनाइजरों ने पहले ही प्लॉटिंग करते हुए लोगों के मकान बनवा दिए, उन कॉलोनियों को नियमित कराने में वह ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। नई पॉलिसी के अनुसार कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए कॉलोनाइजर और पंजीकृत सोसायटीज ही आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कॉलोनियों के लोग उन्हें नियमित कराने के लिए सोसायटी बनाकर पंजीकृत कराने के प्रयासों में जुट गए हैं, परंतु कॉलोनाइजर इस कार्य में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे हैं।

नोटिफिकेशन से नहीं रुकेगा अभियान: अगर कॉलोनाइजर प्लॉट खरीदने वाले लोगों के दिमाग में यह बात डाल रहे हैं कि नई प्लॉटिंग के बाद विकसित की जाने वाली कॉलोनियों को भी सरकार रेगुलर कर देगी, तो यह प्लॉट धारकों की गलतफहमी साबित होगा। वास्तविकता यह है कि नई प्लॉटिंग के होने वाले निर्माण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इसके लिए डीटीपी का पंजा एक बार फिर से चलने जा रहा है। हाल ही में जिन कॉलानियों को विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, उनके खिलाफ डीटीपी की ओर से 25 अगस्त से कार्रवाई शुरू करने की योजना को अंतिम रूप दिया जा चुका है। डीटीपी का पीला पंजा नए निर्माणों को शिकार बनाने के लिए तैयार है। पुरानी कॉलोनियों को नियमित कराने के लिए अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है। इस बात का पता चला है कि लोग आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने में काम आने वाले दस्तावेज पूरा करा रहे हैं। जल्द ही कॉलोनियों को नियमित कराने के आवेदनों का सिलसिला शुरू होने वाला है। नई काटी जा रही कॉलोनियों के खिलाफ 25 अगस्त से कार्रवाई की अनुमति मिल चुकी है। - वेदप्रकाश, डीटीपी।

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