रेवाड़ी: उपमंडल की नाहड़ सीएचसी की हालत सफाई के मामले में बेहद खराब हो गई है। चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के साथ डॉक्टरों की भी कमी है. साथ ही, अस्पताल के मुख्य द्वार पर लगे पौधों और दीवार के बगल में कूड़े-कचरे और गोबर की मात्रा से साफ-सफाई का स्तर स्पष्ट होता है।
प्रशासन की लापरवाही के कारण स्वास्थ्य केंद्र अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इमारत के बाहर पौधों और घास का जाल है जो लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। वहीं, ग्रामीण भी इसमें सहयोग देने में पीछे नहीं हैं. अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर लोग गोबर डालकर गंदगी फैला रहे हैं। अस्पताल के बाहर लगे गंदगी के ढेर संक्रामक बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। फिर प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था को सुचारु करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है। अस्पताल के बाहर फैली गंदगी व झाड़ियों की सफाई नहीं होने से यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों की बार-बार शिकायत के बावजूद न तो प्रशासनिक तंत्र और न ही अस्पताल प्रशासन इस ओर ध्यान देता है.
इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की कमी है
इस क्षेत्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है. मजबूरन लोगों को इलाज के लिए निजी चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है। शिशु रोग विशेषज्ञ भी यहां नहीं है. मौसमी बीमारियों के लिए ही यहां बच्चों को रेफर किया जाता है।
अधिकारी गंभीर नहीं है
अस्पताल स्टाफ की जांच के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियां दौड़ती रहती हैं। अस्पताल के बाहर फैली गंदगी का जायजा लेने के लिए अधिकारी अपने वातानुकूलित कमरों से बाहर निकलने की भी हिम्मत नहीं कर रहे हैं. बाहर बहुत कूड़ा है. गेट के पास की झाड़ियां और पौधे जल्द ही साफ करा दिए जाएंगे। इसके लिए एक प्रक्रिया लागू की जायेगी.