चेयरमैन ने 1 घंटे तक चढूनी के बयान लिए, 10 नवंबर को फिर बुलाया
डीएपी के नाम पर सरकार किसानों को कर रही परेशान
जनता से रिस्ता वेबडेसक | हरियाणा के करनाल जिले में बसताड़ा टोल पर 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी बयान दर्ज कराने करनाल पहुंचे। काछवा रोड स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन अग्रवाल ने करीब एक घंटे तक चढूनी के बयान लिए। बयान पूरे दर्ज न होने पर चढूनी को 10 नवंबर को दोबारा बुलाया गया है।
प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि उन्होंने बयान दर्ज कराए लेकिन कुछ बातें रह गई हैं। इस कारण आयोग ने उन्हें 10 नवंबर को दोबारा समय दिया है। उन्होंने बताया कि आयोग के सामने उन्होंने 28 अगस्त को सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा जो अत्याचार किसानों पर किया गया था। उसकी पूरी जानकारी उन्होंने आयोग को दी है। तस्वीरें, वीडियो के सबूत भी उनके पास हैं। 10 नवंबर को वह दोबारा बयान दर्ज कराएंगे।
अब तक 21 किसानों के बयान दर्ज हो पाए हैं। आयोग के चेयरमैन द्वारा 34 किसानों को नोटिस भेजा गया था लेकिन किसी कारणवश अन्य किसान बयान दर्ज कराने नहीं पहुंच सके। 25 अक्तूबर को आयोग की ओर से किसानों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। आयोग के अनुसार किसानों के बयान दर्ज करने के बाद ही प्रशासनिक अधिकारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
डीएपी के नाम पर सरकार किसानों को कर रही परेशान
चढूनी ने कहा कि प्रदेश में डीएपी खाद की कमी नहीं है सरकार जानबूझकर किसानों को परेशान कर रही है। सरकार चाहती है कि किसान खेती छोड़ दें। यही कारण है कि सरकार अलग-अलग तरीके से परेशान कर रही है, कभी खाद तो कभी दवाइयों की कमी कर दिक्कतें खड़ी की जा रही हैं। जब किसान किसी तरह फसल पैदा कर लेता है तो उसे खरीदने के नाम पर शर्तें लगा दी जाती हैं लेकिन किसान खेती नहीं छोड़ेगा।
यह सरकार पहले भूख देगी फिर भीख देगी
पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों पर चढूनी ने कहा कि यह सरकार जनता को कंगाल करना चाहती है। पहले लोगों को भूख देगी और फिर भीख देगी। इसी कारण पेट्रोल-डीजल के दाम के साथ कोयले के तीन गुणा दाम बढ़ा दिए हैं ताकि हर चीज महंगी हो जाए। ऐलनाबाद चुनाव के बारे में चढूनी ने कहा कि भाजपा सरकार को हारना ही था।