ऐसे सामने आई खनन ठेकेदारों की मनमानी, प्रशासन पर लगे मिलीभगत के आरोप

खनन ठेकेदारों की मनमानी

Update: 2022-07-04 07:32 GMT
रादौर : बरसाती सीजन के मद्देनजर अब प्रशासन द्वारा भले ही यमुना नदी में खनन का कार्य बंद कर अवैध खनन को लेकर सख्त आदेश जारी किए गए हो, लेकिन यमुना नदी में किस तरह से खनन ठेकेदारों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा था। खनन कार्य बंद हो जाने के बाद टीम ने यमुना नदी से सटे जठलाना व गुमथला क्षेत्र के कुछ खनन घाटों का दौरा किया, तो सामने आया कि खनन ठेकेदारों द्वारा यमुना नदी की प्राकृतिक जलधारा को प्रभावित कर नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई।
अवैध खनन व ओवरलोड के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले क्षेत्र के गांव गुमथला निवासी एडवोकेट वरयाम सिंह ने आरोप लगाया कि अवैध खनन का खेल बिना प्रशासन के कुछ अधिकारियों मिलीभगत के नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि गुमथला और जठलाना क्षेत्र में ऐसे कई घाट है, जहां नियमों की अनदेखी कर ठेकेदारों द्वारा यमुना नदी की प्राकृतिक जलधारा को प्रभावित कर बांध बनाए गए है। इसके अलावा रेत के बड़ी-बड़ी चटाने लगाई गई है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में हरियाणा मुख्य सचिव द्वारा अधिकारियों को वीसी के माध्यम से अवैध खनन पर रोक लगाने बारे सख्त आदेश दिए गए थे, लेकिन बिना अधिकारियों की मिलीभगत के अवैध खनन का काम हो ही नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के कार्य की वीडियोग्राफ़ी से जाँच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो यमुना नदी से सटे कई गाँव के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा सकता है। इसलिए अवैध खनन व ओवरलोड की सीबीआई जांच की जाए।

Source: Punjab Kesari

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