हरियाणा की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। कई शहरों की हवा बेहद खराब हो चुकी है। पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, जींद, कैथल सहित कई शहरों में प्रदूषण की चादर लिपटी है। स्माग की वजह से आंखें जल रहीं हैं साथ ही सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। कुछ शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पास पहुंच गया है।
धान का सीजन खत्म होने को है। मगर एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। बुधवार को कैथल में एयर क्वालिटी इंडेक्स 391 था और वीरवार को एयर इंडेक्स 400 पर पहुंच गया। यह इस सीजन का अब तक सबसे ज्यादा है। हालांकि इस दौरान इंडेक्स का स्तर साढे तीन सौ से अधिक चल रहा है।
धान के अवशेषों में जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। वाहनों की आवाजाही बढ़ने के कारण सड़कों पर धूल उड़ती है, जिस कारण प्रदूषण बढ़ जाता है। कृषि विभाग की तरफ से कैथल में 621 मामलों में किसानों को करीब दस लाख रुपये जुर्माना किया जा चुका है। वीरवार को दो फसल अवशेष जलाए जाने की घटनाएं सामने आए हैं।
आगजनी के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। शाम होते ही आंखों में जलन शुरू हो जाती है। अगर बाइक पर सफर कर रहे हों तो आंखों में पानी आने लगता है। बढ़ते प्रदूषण से सांस लेने में तकलीफ और हृदय से संबंधित रोग बढ़ जाते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की तरफ से फसल अवशेषों में आग न लगाने को लेकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। उसके बाद भी आग लगाने के मामले कम नहीं हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 50 तक अच्छा, 51 से 100 तक सामान्य, 101 से 200 तक खतरनाक और सांस के रोगियों के लिए नुकसानदायक, 201 से 300 तक खराब। 301 से 400 तक बहुत ज्यादा खराब। हालांकि इंडेक्स का स्तर हर घंटे कम या ज्यादा होता रहता है।
"कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने कहा कि जिले में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरू किया जा रहा है। वीरवार को जिले में दो आगजनी की घटनाएं सामने आई है। अब तक जिले में कुल 621 जगहों पर फसल अवशेष जलाने के मामले सामने आ चुके हैं।''