तकनीक की मदद से टैक्स चोरी रोकेंगे

Update: 2023-07-19 08:42 GMT

चंडीगढ़ न्यूज़: केंद्र सरकार का मानना है कि टैक्स चोरी को रोकने में मिली सफलता के कारण कर संग्रह बढ़ा है. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि सरकार आने वाले दिनों में तकनीक और मुखबिरों का इस्तेमाल बढ़ाकर टैक्स चोरी रोकने के लिए और पुख्ता इंतजाम करेगी. कर संग्रह का फायदा फिलहाल करदाताओं को नहीं मिलेगा, क्योंकि बढ़ी कमाई का इस्तेमाल बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और लोगों को सुविधाएं देने में होगा.

संजय मल्होत्रा ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि जीएसटी के दौर में हम तकनीक का इस्तेमाल कर टैक्स चोरी रोकने में ज्यादा कामयाब हो पा रहे हैं. पहले के मुकाबले कारोबारियों को हम टैक्स चुकाने के लिए ज्यादा सहूलियतें दे रहे हैं. अब कारोबारियों के पास चाहकर भी टैक्स न देने का विकल्प नहीं बचा है.

टैक्स चोरी रोकने के उपाय पर मल्होत्रा ने कहा कि हमने तमाम तकनीकों की एक चेन तैयार कर रखी है, जो राज्य की सीमाओं से आने वाले समान को ट्रैक करते हैं. साथ ही ई-वे बिल के जरिये सामान पर लगने वाले टैक्स का अंदाजा रहता ही है. अब अगर कोई ऐसी हिम्मत करता भी है तो देर सबेर पकड़ा ही जाता है. जब उनसे पूछा गया कि विभाग के इतने प्रयासों के बाद भी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी की घटनाएं लगातार सामने क्यों आ रही हैं?

इस पर उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में राष्ट्रीय स्तर पर टैक्स चोरी के खिलाफ अभियान चलाया. इसके लिए 60 हजार कंपनियां चिह्नित की गई हैं. उनके सत्यापन के दौरान 30 फीसदी के करीब कंपनियां फर्जी पाई गईं. इसमें 17 हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई है. अभियान में स्टील, पान मसाला और तंबाकू क्षेत्र की फर्जी कंपनियां पकड़ में आई हैं.

प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कर जारी रहेगा मल्होत्रा: टैक्स चोरी से जुड़ी जानकारियां एकत्र करने के सवाल पर मल्होत्रा ने कहा कि हम आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स, आयकर विभाग, आधार से जुड़े लेन-देन, खातों में जरूरत से ज्यादा कैश और तमाम आंकड़ों से जानकारी इकह्वा करते हैं. साथ ही कारोबारियों के बीच हमारे मुखबिर भी रहते हैं. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर पर उन्होंने कहा कि मौजूद समय में दो व्यवस्थाएं होने से केंद्र सरकार संतुष्ट है. वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा अपनाई जाने वाली व्यवस्था में से एक है.

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