अस्पताल में हुई बच्चों की अदला-बदली, दंपति ने लगाए अस्पताल प्रशासन पर आरोप
पानीपत में सिविल अस्पताल से चौंका देने वाला सामने आया है. जहां इसराना के एक पति-पत्नी ने नर्सों समेत अस्पताल के कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है. दंपति ने इसकी शिकायत पीएमओ डॉ सजींव ग्रोवर और पुलिस से की है.
पानीपत में सिविल अस्पताल से चौंका देने वाला सामने आया है. जहां इसराना के एक पति-पत्नी ने नर्सों समेत अस्पताल के कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है. दंपति ने इसकी शिकायत पीएमओ डॉ सजींव ग्रोवर और पुलिस से की है. पीएमओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दो सीनियर डॉक्टरों के खिलाफ जांच कमेटी का गठन कर दिया है. इसमें सीनियर मेडिकल ऑफिसर, गायनोकोलॉजिस्ट और एसएमओ का नाम शामिल है.
क्या है पूरा मामला
इसराना निवासी प्रदीप कुमार की पत्नी रितु को रविवार सुबह करीब 11 बजे प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद वह अपनी पत्नी रितु को पानीपत के सिविल अस्पताल लेकर गया. करीब 1 बजे पत्नी रितु की डिलीवरी हुई. नर्सों ने बताया कि दंपति को बेटी हुई है. अगली सुबह महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. घर जाकर उन्होंने देखा तो बच्चे के हाथ पर लगे टैग पर मेल लिखा था, और पिता का नाम प्रदीप और मां का नाम पूजा लिखा हुआ था. जबकि प्रदीप की पत्नी का नाम रितु है.
इस गड़बड़ी के होने के बाद दंपति आनन-फानन में अस्पताल पहुंचा. अस्पताल पहुंचकर उन्होंने जमकर हंगामा किया. बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए पुलिस से जांच कराने की मांग भी की. दंपती का कहना है कि उनका बच्चा बदल दिया गया है. बच्ची के हाथ पर जो टैग मिला, उस पर मेल यानी लड़का लिखा था और मां का नाम भी अलग था. साथ ही प्रदीप की पत्नी रितु का आरोप है कि जो बच्ची उनको दी गई, उसके टैग पर पूजा पत्नी प्रदीप मेल यानी लड़का लिखा था. वजन भी तीन किलोग्राम लिखा था. नर्सों ने लापरवाही करते हुए पूजा पत्नी प्रदीप को लड़का दे दिया. साथ ही यह भी कहा कि कर्मचारियों ने उसके बच्चे को बदल दिया. उसे शक है कि जो बच्चा पूजा को दिया गया वह उनका था.
दंपति के लगाए गए आरोप के बाद सिविल अस्पताल में पीएमओ ने दो चिकित्सकों की टीम गठित कर दी है. उन्होंने लेबर वार्ड के कर्मचारियों को ध्यान से काम करने की कड़ी हिदायतें दी. साथ ही PMO ने टैग लगाने में हुई इस लापरवाही पर व्यवस्था बदलने का भी आश्वासन दिया है. शिकायत के बाद डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए प्रसूति वार्ड का रजिस्टर कब्जे में ले लिया है. जांच टीम ने दोनों बच्चों के परिजनों के बयान भी दर्ज कर लिए है. अब दोंनो दंपतियों को बुलाकर उनका डीएनए कराया जाएगा. जिसके बाद बच्ची की वास्तविक मां का पता चल सकेगा. पीएमओ ने लोगों को आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.