तेल में गड़बड़ी के संदेह पर सप्लाई का ठेका बदला

आईओसीएल से लाया गया डीजल

Update: 2024-03-18 07:09 GMT

रेवाड़ी: बीएस-6 की करीब 20 बसें खराब होने और अधिक धुंआ छोड़ने के कारण रोडवेज प्रबंधन को तेल में संदेह हुआ तो सप्लाई का ठेका बदल दिया। अब रोडवेज प्रबंधन की ओर से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सप्लाई का ठेका दिया गया है, जिसके बाद वहां से डिपो में डीजल की सप्लाई भी शुरू हो गई है। अधिकारियों का दावा है कि 1-2 दिन में सभी बसें ठीक कर दी जाएंगी और अब आईओसीएल के डीजल से ही बसों का संचालन किया जाएगा, ताकि फिर कोई दिक्कत न आए।

इसके साथ ही पुराने डीजल का सैंपल भी लैब में भेजा गया है, ताकि उसकी जांच की जा सके। अधिकारियों का कहना है कि जांच की रिपोर्ट आने पर अगर तेल में गड़बड़ी मिलती है तो फिर सप्लाई करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, पिछले कुछ दिन पहले ही डीजल के ठेके में बदलाव किया गया था, जिसके बाद से यह समस्या सामने आई थी। रोडवेज वर्कशॉप से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के करनावास पंप से रोडवेज डिपो में डीजल की सप्लाई आती थी, लेकिन बीच में निजी पंप को रोडवेज ने डीजल सप्लाई करने का ठेका दे दिया था, जिसके बाद से रोडवेज की बसें अधिक धुंआ छोड़ने लगी थी और चलते-चलते ही बंद हो जा रही थी। इसी के चलते एक बस करीब 12 बजे डिपो से चली और पुलिस लाइन के पास जाकर अचानक बंद हो गई, जिसके बाद रोडवेज कर्मचारियों को व मैकेनिकों को डीजल पर संदेह हुआ तो अब रोडवेज ने अपना ठेका बदल लिया है और वापस आईओसीएल को दे दिया है। अधिकारियों का दावा है कि 1-2 दिन के अंदर ही सभी बसें ठीक कर दी जाएंगी और फिर उन्हें वापस चलाना शुरू कर दिया जाएगा।

वहीं, पुराने डीजल की भी जांच की जा रही है, जिसकी जल्द रिपोर्ट आने की उम्मीद है। खराब होने वाली बसों में लगभग बसें बीएस-6 मॉडल की हैं, जिन्हें अधिकतर दिल्ली ही भेजा जाता है। इसकी वजह है कि दिल्ली जाने वाली बसें बीएस-6 मॉडल की ही होनी चाहिए, वहां अधिक प्रदूषण होने के कारण बीएस-4 मॉडल की बसों को अनुमति नहीं दी जाती, इसलिए दिल्ली के रूट पर बीएस-6 मॉडल की ही बसें चलाई जाती हैं। इसके अलावा कुछ रूट रेवाड़ी से दिल्ली होते हुए चंडीगढ़, रेवाड़ी से दिल्ली होते हुए जयपुर हैं, जिनमें भी बीएस-6 मॉडल की ही बसें चलाई जाती हैं।

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