छात्रों को एक माह बाद भी किताबें नहीं मिलीं

Update: 2023-05-05 09:19 GMT

चंडीगढ़ न्यूज़: प्राइमरी स्कूलों में नया सत्र शुरू हुए एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अब तक छात्रों को किताबें नहीं मिल पाई हैं. हरियाणा सरकार द्वारा जिले में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई कराई जाती है.

हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को किताबें मिल चुकी हैं लेकिन अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराने वाले 85 राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों में अब तक किताबें नहीं पहुंची हैं. किताबों की कमी के चलते अब तक पढ़ाई नियमित तौर पर शुरू नहीं की जा सकी है. इसको लेकर अभिभावक और छात्र ही नहीं शिक्षक भी परेशान हैं.

शिक्षक संघ ने इसे लेकर विभाग को पत्र लिखकर जल्द किताबों की व्यवस्था किए जाने की मांग की है. गौरतलब है कि सभी स्कूलों में नया सत्र एक अप्रैल से शुरू हुआ था. इतना लंबा समय बीतने के बाद भी मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची हैं. शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि एक और सरकार टेबलेट वितरित कर हाईटेक पढ़ाई कराने का भरोसा जता रही है तो वहीं दूसरी ओर प्राइमरी के बच्चे बगैर किताबों के पढ़ने को मजबूर हैं. ऐसे में जब नींव ही मजबूत नहीं होगी तो टेबलेट लेकर छात्र भला क्या पढ़ सकेंगे.

गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी से पढ़ाई बाधित शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी के चलते पढ़ाई बाधित हो रही है. जिले में जेबीटी शिक्षकों की ड्यूटी बीएलओ के तौर पर लगा दी गई है. शिक्षकों का आरोप है कि परिवार पहचान पत्र में कई शिक्षकों को पहले लगाया जा चुका है. वहीं, इस समय बीएलओ ड्यूटी में भी जेबीटी शिक्षक लगा दिए हैं.

बीते दो सालों से किताबें मिलने में देरी हो रही:

प्राथमिक स्कूलों में पिछले सत्र से किताबें नहीं पहुंची हैं. सत्र 2021-22 में छात्रों ने बगैर किताबों के ही पढ़ाई पूरी की. वहीं सत्र 2022-23 में भी किताबें देर से पहुंची थी. हालांकि इस बार हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों को किताबें सत्र शुरू होने के साथ ही मिल गई थी. लेकिन अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को अब तक किताबें नहीं मिल पाई है. स्कूल मुखियाओं का कहना है कि एक तरफ स्कूलों को हाईटेक बनाने की दिशा में योजनाएं लाना और दूसरी ओर किताबें तक मुहैया न कराना गलत है.

अभी केवल हिंदी माध्यम की किताबें ही मिल पाई हैं जो छात्रों में वितरित कर दी गई है. विभाग से जैसे ही किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी छात्रों को दे दी जाएंगी.

-मनोज मित्तल, खंड शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद

हरियाणा में सरकारी स्कूलों को प्रयोगशाला बना दिया गया है. कभी टेबलेट कभी अंग्रेजी माध्यम की बात की जाती है वहीं अभी तक प्राथमिक विद्यालयों को किताबें भी नहीं उपलब्ध कराई गई है.

-कैलाश शर्मा, अभिभावक एकता मंच

स्कूलों में यह नहीं पता है कि किताबें कब तक उपबल्ध होंगी. विभाग को इस संबंध में पत्र लिखकर सूचित किया गया है. इसके साथ ही शिक्षकों को बीएलओ और परिवार पहचान पत्र की ड्यूटी से भी निवृत्त किया जाए ताकि वह शिक्षण कार्य को गति दे सकें.

-चतर सिंह, हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन, कोषाध्यक्ष

Tags:    

Similar News

-->