रेवाड़ी न्यूज़: बल्लभगढ़ स्थित एम्स शाखा में डॉक्टर और विद्यार्थियों को मिलने वाले पानी का टीडीएस (टोटल डिसॉल्व्ड सॉलिड्स) लगातार बढ़ता जा रहा है. इस कारण विद्यार्थियों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ को पीने के पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
डॉक्टर और विद्यार्थियों की मांग के बाद इंजीनियरिंग विभाग ने शाखा परिसर में एक वाटर सॉफ्टनर प्लांट लगाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. इतना ही नहीं इसके लिए विभाग ने टेंडर भी लगा दिया है. एम्स के डॉक्टरों की माने तो पानी का टीडीएस 100 से 300 मिलीग्राम के बीच होना चाहिए, तभी वह पानी पीने योग्य होता है. फिलहाल एम्स शाखा के जिस हॉस्टल में छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं, वहां के पानी का टीडीएस 850 मिलीग्राम तक पहुंच चुका है. इसी कारण एम्स शाखा की इंजीनियरिंग ब्रांच ने शाखा परिसर में वाटर सॉफ्टनर प्लॉट लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. जिसके लिए विभाग ने टैंडर भी लगा दिया है. जिस पर करीब 35 लाख रुपये तक खर्च किए जाएंगे. एम्स शाखा बल्लभगढ़ में 130 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं.
एम्स शाखा बल्लभगढ़ में छात्रों के हॉस्टल में पीने के पानी का टीडीएस 850 मिलीग्राम तक पहुंच चुका है. डॉक्टरों व छात्रों ने इस संदर्भ में विभागीय अधिकारियों से शिकायत की थी. इसके बाद शाखा में वाटर सॉफ्टनर प्लॉट लगाने की कार्रवाई शुरू की है. टैंडर लगा दिया गया है और उम्मीद है कि मई के आखिर तक अवश्य ही प्लांट लग जाएगा. उसके बाद डॉक्टरों, छात्रों व नर्सिंग स्टॉफ को पीने की पानी की गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी.
-गौरव, जूनियर इंजीनियर इलेक्ट्रिकल, एम्स