रेवाड़ी न्यूज़: भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार आईएएस अधिकारी धमेंद्र सिंह से विशेष जांच दल (एसआईटी) की टीम ने पूछताछ शुरू कर दी है. सूत्रों की मानें तो पहले दिन की पूछताछ में आरोपी अधिकारी ने एसआईटी को कई और अफसरों के नाम भी बताए हैं, जो अन्य अफसर भी रिश्वत में हिस्सेदार रहे. इनमें सोनीपत नगर निगम के बड़े अधिकारी भी हैं.
बता दें कि रात में आईएएस अधिकारी धमेंद्र सिंह को गुरुग्राम स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद दोपहर उन्हें अदालत में पेशकर पूछताछ के लिए चार दिन की रिमांड पर लिया गया. आईएएस अधिकारी पर 1.10 करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप है. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आईएएस अधिकारी धमेंद्र सिंह मौजूदा समय में हरियाणा भवन में एडिशनल रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर तैनात थे.
यह है मामला जून-2022 में दिल्ली निवासी ललित की शिकायत पर कोतवाली थाना में धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद जांच के लिए एसीपी विष्णु प्रसाद की अगुवाई में एक एसआईटी गठित की गई.
एसआईटी ने जांच शुरू की तो सामने आया कि मामले में सोनीपत नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी इसमें शामिल हैं. उन्होंने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए सोनीपत नगर निगम भवन के निर्माण के लिए 52.70 करोड़ रुपए के टेंडर को बढ़ाकर 87.85 करोड़ रुपये तक कर, रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार किया है. साथ ही उसे मंजूरी के लिए अर्बन लोकल बॉडीज के डायरेक्टर को भेजा गया. इसके एवज में बिचौलिये रामबीर के माध्यम से 1.10 करोड़ रुपए रिश्वत लिए गए हैं. पुलिस प्रवक्ता के अनुसार जांच कर रही एसआईटी ने मामले में सबसे पहले बिचौलिये रामबीर को गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ के दौरान प्राप्त सबूतों के आधार पर आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र सिंह को रात गुरुग्राम स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया.
नगर निगम के 200 करोड़ के घोटाले में भी पूछताछ संभव
सूत्रों के मुताबिक नगर निगम के 200 करोड़ के घोटाले में भी गिरफ्तार अधिकारी से पूछताछ संभव है. नगर निगम में घोटाले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) कर रही है. गिरफ्तार आइएएस अधिकारी धर्मेंद्र वर्ष 2020 में नगर निगम के अतिरिक्त निगमायुक्त के पद पर तैनात रहे. हालांकि वे यहां करीब दो महीने ही रहे, लेकिन इस बीच कई विकास कार्यो की फाइले उनके कार्यालय से होकर गुजरी थी. एसीबी नगर निगम में वर्ष 2017 से 2020 के बीच में किए गए विकास कार्यो की जांच कर रही है, जिसमें कई आईएएस अधिकारी रडार पर हैं. सूत्रों की मानें तो गठित एसआईटी अब फरीदाबाद में उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की फाइल खंगाल सकती है.
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे
आईएएस की गिरफ्तारी शहर में सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. बताया जा रहा है कि लोग सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो-फोटो काफी लाइक कर रहे हैं. साथ ही नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चर्चा कर रहे हैं. से गिरफ्तार आईएएस अधिकारी पर शहर में खूब चर्चा हो रही है.
एसीबी जांच तेज करेगी
आईएएस अधिकारी धमेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से एसीबी पर निगम घोटाला में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी का दवाब बढ़ सकता है. हालांकि बताया जा रहा है कि निगम घोटाले से जुड़े एक आईएएस अधिकारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. बताया जा रहा है कि उस याचिका पर अगले महीने सुनवाई होनी है.
राजनीतिक परिवार से जुड़ाव
आरोपी धर्मेंद्र सिंह एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वह प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री के रिश्तेदार हैं. बताया जा रहा है कि वर्ष 1999 में एचसीएस में चुने गए धर्मेंद्र सिंह को 2012 में आईएएस में पदोन्नत किया गया था. वह उन अधिकारियों में से थे, जो 2019 में आईएएस रैंक में शामिल होने में सक्षम थे. वह फरीदाबाद में एचएसवीपी में प्रशासक, डीसी पानीपत,सोनीपत नगर निगम आयुक्त के अलावा हरियाणा भवन में अतिरिक्त आवासीय आयुक्त के पद पर रह चुके हैं. जबकि बतौर एचसीएस अधिकारी फरीदाबाद में एसडीएम और संयुक्तायुक्त भी रह चुके हैं.