सोहना | राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए गए स्मार्ट गांव दोहला के स्कूल में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है,जहां स्कूल को कंडम घोषित करने के बाद उसे गिराया नहीं गया। वहीं रविवार की रात स्कूल की छत गिर गई, गनीमत रही कि इस दौरान स्कूल में बच्चे मौजूद नहीं थे और बड़ा हादसा होने से भी टल गया।
हालांकि जिस कमरे की छत गिरी है। फिलहाल उस कमरे के अंदर बच्चों को नहीं बैठाया जा रहा था,लेकिन ऐसा भी कोई इंतजाम नहीं किया गया था कि बच्चें वहां पर ना जाए। स्कूल के कमरे की छत गिरने पर स्कूल के टीचर से बात की तो उनका कहना था कि स्कूल द्वारा कई साल पहले इस इमारत को कंडम घोषित कर दिया गया था। जिसकी जानकारी विभागीय उच्च अधिकारियों को भेज दी गई थी,लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक ना तो इस कंडम बिल्डिंग को तोड़ा गया और ना ही शिक्षा विभाग की तरफ से इस तरह का कोई इंतजाम किया गया है।
साल 1975 में बनी इस स्कूल की इमारत के अंदर कक्षा 6 से लेकर 12वी तक के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे,लेकिन करीब 6 माह पहले यहां से कक्षा 9वी से लेकर 12वी तक के छात्र-छात्राओं को स्कूल के लिए अलग बनाई गई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया था। फिलहाल इस जर्जर इमारत के अंदर कक्षा छठी से लेकर 8वी तक के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जिनके साथ कभी भी हादसा घटित हो सकता है। ऐसा भी नही है कि जिस बिल्डिंग में 9वी से 12वी तक के बच्चों को शिफ्ट किया गया है। उस बिल्डिंग की छत भी बारिश के टाइम में पूरी तरह से टपकती है और स्कूल का रास्ता पूरी तरह बरसाती पानी से लबालब हो जाता है। अब देखना इस बात का होगा कि राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए गए इस स्मार्ट गांव दोहला में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए जिला के आला अधिकारियों व सरकार की तरफ से क्या पहल की जाती है।