चंडीगढ़ पर बढ़ी रार: 5 अप्रैल को CM मनोहर लाल ने बुलाया हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र

पंजाब और हरियाणा के बीच चंडीगढ़ को लेकर रार छिड़ गई है।

Update: 2022-04-03 09:52 GMT

पंजाब और हरियाणा के बीच चंडीगढ़ को लेकर रार छिड़ गई है। पंजाब सरकार ने पिछले शुक्रवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर चंडीगढ़ पर अपना हक जताकर एक प्रस्ताव पास किया था। इसके बाद से हरियाणा सरकार लगातार भगवंत मान सरकार पर हमलावर थी। अब हरियाणा सरकार ने पांच अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है। उसी दिन हरियाणा मंत्रिमंडल की भी बैठक होगी।

शनिवार को सीएम मनोहर लाल ने इस मुद्दे पर कहा था कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को इसकी निंदा करनी चाहिए या उन्हें हरियाणा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। पंजाब के सीएम को भी हरियाणा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने जो किया है वह निंदनीय है।
मनोहर लाल ने कहा कि अगर वे ऐसा कुछ करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले एसवाईएल मुद्दे को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को नहीं दिए गए, जिससे बाकी मुद्दों में देरी हुई। उन्हें कहना चाहिए कि वे हरियाणा को हिंदी भाषी क्षेत्र देने के लिए तैयार हैं। यह निंदनीय है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। राजीव-लौंगोवाल समझौता 35-36 साल पहले हुआ था, जिसके अनुसार चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब दोनों की राजधानी है। मैंने कल भी कहा था कि इससे जुड़े कई मुद्दे हैं।
वहीं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि पंजाब में जो सरकार आई है ये 'बच्चा पार्टी' है, इन्हें मुद्दों की पूरी जानकारी नहीं है। चंडीगढ़ का मुद्दा है लेकिन वह अकेला मुद्दा नहीं है उसके साथ एसवाईएल का मुद्दा है, हिंदी भाषी क्षेत्र के मुद्दे हैं तो इन सबका फैसला होगा किसी एक का नहीं। विज ने कहा कि अभी पंजाब सरकार के दूध के दांत भी नहीं टूटे हैं। इस पार्टी का जन्म धोखे से हुआ है। अन्ना हजारे के आंदोलन में कहीं भी ये एजेंडा नहीं था कि राजनीतिक पार्टी बनाई जाएगी।
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