अनिल के करीबियों की संपत्ति होगी जब्त, नोएडा पुलिस ने संपत्ति की रिपोर्ट न्यायालय में भेजी

Update: 2023-05-10 08:10 GMT

गुडगाँव न्यूज़: गांव दुजाना से लेकर पूर्वांचल तक खौफ पैदा करने वाले गैंगस्टर अनिल दुजाना की मौत के बाद अब उसके करीबियों पर एसटीएफ और पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसके करीबी रहे चन्द्रपाल प्रधान बंबावड़ पर सबसे पहली कार्रवाई होने जा रही है. नोएडा पुलिस ने उसकी एक करोड़ 57 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क करने के लिए न्यायालय को रिपोर्ट भेज दी गई है.

पुलिस और एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार अनिल दुजाना ने अपराध की दुनिया में सक्रिय रहते हुए पिछले दो दशक में सौ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जमा की थी. जो विभिन्न लोगों के पास है. इनके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार चन्द्रपाल प्रधान बंबावड़ के पास दुजाना की एक करोड़ 57 लाख रुपये की संपत्ति होने की पुष्टि होने के बाद उसके संबंध में न्यायालय को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और इसी सप्ताह यह संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी. इसके बाद अन्य संपत्तियों को भी जब्त किया जाएगा.

मेरठ एसटीएफ द्वारा नोएडा पुलिस को अनिल दुजाना की तीन संपत्तियों के बारे में जानकारी दी गई है. अनिल को मेरठ एसटीएफ ने ही ढेर किया था और वह उसके पीछे लंबे समय से लगी थी. एसटीएफ के पास अनिल की तीन प्रमुख संपत्तों की जानकारी थी. इनके बारे में नोएडा पुलिस को जानकारी दी जा चुकी है. एसटीएफ के अनुसार अनिल दुजाना का गुरुग्राम में एक फ्लैट है, जिसकी कीमत दो करोड़ रुपये से अधिक है. इसके अलावा लोनी में उसने अपनी पत्नी पूजा के नाम पर एक जींस फैक्टरी लगा रखी थी और गांव में जिस जमीन पर अनिल दुजाना का शव लाया गया था. वह घर भी अनिल ने ही बनाया था, यह उसकी पैतृक संपत्ति नहीं थी. उनका अपना पुराना घर इससे अलग है.

दुजाना के करीबियों की जांच चल रही है

एसटीएफ और पुलिस सूत्रों के अनुसार अनिल के गिरोह में 40 से अधिक युवा सक्रिय थे और वह सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश या दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं बल्कि पूर्वांचल तक भी घटनाओं को अंजाम देते थे. इनके बूते दुजाना ने खासी कमाई की थी, लेकिन वह इन गुर्गो के नाम पर निवेश नहीं करता था. बल्कि उसने अपने पैसे को सुरक्षित रखने और निवेश करने के लिए अलग टीम बना रखी थी. यह लोग ही उसके पैसों का हिसाब-किताब रखते थे और निवेश करते थे. इनमें दो सफेदपोश के भी नाम आ रहे हैं. वहीं, कुछ लोग गांव दुजाना और आसपास के क्षेत्र के हैं. उनके द्वारा हरियाणा और राजस्थान में भी निवेश किए जाने की जानकारी पुलिस को मिल रही है.

12 से 14 लोगों की चल रही जांच

दुजाना की संपत्तियों का बयौरा एकत्र करने में जुटी नोएडा पुलिस और एसटीएफ द्वारा 12 से 14 लोगों की विशेष जांच की जा रही है. इसमें अनिल दुजाना का भाई मैनपाल और चन्द्रपाल प्रधान बंबावड तथा जितेन्द्र नागर के नाम प्रमुख हैं. इसके अलावा दुजाना गांव के ही पांच लोगों की भी जांच की जा रही है. इन्हें एसटीएफ ने अनिल दुजाना का करीबी बताया है.

संपत्ति को लेकर आपस में छिड़ सकती हैं जंग

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अनिल दुजाना की कीमती संपत्ति को लेकर उसके कुछ करीबियों में भी अब आपसी जंग छिड़ सकती है. अनिल ने अधिकांश संपत्तियां दूसरों के नाम पर ही ले रखी हैं, लेकिन इसके बारे में गैंग के लोगों और उसके कुछ करीबियों को संपूर्ण जानकारी है. अनिल की मौत के बाद अब ऐसे कुछ लोग इन संपत्तियों पर कब्जा करने का प्रयास कर सकते हैं. इसका विरोध अनिल के परिवारजनों और उसके कुछ विश्वासपात्रों द्वारा किया जाएगा. इसको लेकर उनमें आपसी लड़ाई की संभावना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जताई जा रही है. पुलिस को विश्वास है कि आने वाले दिनों में अनिल के परिवारजन और अन्य कुछ लोग स्वंय ही पुलिस उसकी ऐसी संपत्तियों की जानकारी देंगे, जिनका पुलिस को पता नहीं चल सका है.

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