हिसार न्यूज़: जिले में नए शैक्षणिक सत्र को शुरू हुए छह दिन बीत चुके हैं. निजी स्कूलों में अधिकांश एडमिशन पूरे हो चुके हैं. निजी स्कूलों की फीस वृद्धि और मनमाने प्रवेश शुल्क को लेकर शिकायतें भी की गई है और इस संबंध में विभाग द्वारा नोटिस जारी कर नियम स्पष्ट किए गए हैं.
इसके बावजूद विद्यालयों के शुल्क अभिभावकों का बजट बिगाड़ रहे हैं. कुछ स्कूलों ने कोर्स के लिए सपोर्टिंग बुक्स के नाम पर निजी प्रकाशकों की किताबें जोड़ दी हैं. जिसमें 15 पेज की किताब के लिए भी अभिभावक को 80 रुपये से लेकर 400 रुपये तक देना पड़ रहा है. अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूल संचालक हर वर्ष नए सेशन की शुरुआत में इसी तरह कर काम करते हैं.
फीस तथा अन्य चार्जेंज में बढोतरी कर दी जाती है. शिक्षा विभाग में शिकायत के बाद भी कार्रवाई देर से होती है. निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर रोक लगनी चाहिए. इससे अभिभावकों पर पड़ रहे दबाव में कमी आएगी.
स्कूलों ने फॉर्म 6 नहीं भरा
शिकायत पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. बीते दिनों निजी प्रकाशकों की किताबें बेचने पर 250 स्कूलों को नोटिस भी जारी की गई थी. ड्रेस आदि खरीदने के लिए बाध्य न करने के निर्देश दिए गए हैं. -डॉ. मुनेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी
स्कूल 16 से 20 पेज की किताब के लिए 400 रुपये की किताबें खरीदने के लिए कह रहे हैं. इतनी कीमत में प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें आती हैं. ऐसे में विद्यालयों को विचार करना चाहिए.
-अशोक शर्मा, अभिभावक एकता मंच
विद्यालय शिक्षा विभाग की तरफ से निजी स्कूलों को फीस वृद्धि के लिए दिसंबर माह में फार्म-6 जमा करना था. जिसके बाद ही विभाग की अनुमति मिलने पर ही वह फीस वृद्धि कर सकते हैं.