पानीपत:12 वर्ष की अनाथ बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म और फिर हत्या करने के दो दोषियों को अदालत फांसी की सुनाई सजा

जुर्माना अदा न करने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

Update: 2022-02-19 14:50 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: खंड मतलौडा स्थित एक गांव में 12 वर्ष की अनाथ बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म और फिर हत्या करने के दो दोषियों को अदालत ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई। दोनों दोषियों को सात अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है। साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना अदा न करने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

मतलौडा खंड के गांव में 13 जनवरी 2018 को घर के बाहर कूड़ा डालने गई 12 वर्ष की बच्ची का गांव निवासी प्रदीप एवं सागर ने अपहरण कर लिया था। एक ही गांव के होने की वजह से बच्ची प्रदीप को नाना और सागर को मामा मानती थी। बच्ची का अपहरण कर प्रदीप के घर लाया गया था। वहां दोनों आरोपियों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया, जिस कारण बच्ची की हालत काफी बिगड़ गई। इसके बाद दोनों ने शॉल से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी और शव को मंदिर के पीछे गड्ढे में फेंक दिया था। इसी रात हुई बरिश से गड्ढ़े में पानी भर गया और शव ऊपर आ गया था।
पुलिस ने बच्ची का शव बरामद करके उसका डीएनए कराया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म एवं गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई थी। मामले में जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने आरोपी प्रदीप और सागर को गिरफ्तार कर लिया था, दोनों ने गुनाह कुबूल किया था। फिलहाल दोनों दोषी पानीपत जेल में बंद हैं। इससे पहले बच्ची के मामा ने इस संबंध में पुलिस को शिकायत दी थी। अदालत का फैसला आने पर उन्होंने इसे न्याय की जीत बताया और कोर्ट का आभार व्यक्त किया है।
पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाने वाले वकील अनुज चौधरी ने बताया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मामले की सुनवाई चार वर्ष में पूरी की, इस दौरान 17 गवाहों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया है। अब दोनों दोषियों के पास फांसी के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का वक्त है। उन्होंने बताया कि दोषियों को तीन धाराओं के तहत फांसी, एक धारा के तहत उम्रकैद, दो धाराओं के तहत सात वर्ष और एक धारा के तहत दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की सजा सुनाई गई है। 
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