पाक हैकर के निशाने पर आईआईटी, चैट ऐप्स का कर रहे इस्तेमाल

Update: 2023-06-29 10:45 GMT

चंडीगढ़ न्यूज़: पाकिस्तानी हैकर भारतीय सेना के साथ आईआईटी और एनआईआईटी को निशाना बना रहे हैं. भारतीय सुरक्षा शोधकर्ताओं ने इसका खुलासा किया है. इसके मद्देनजर उन्होंने सेना के साथ ही शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी किया है.

सुरक्षा शोधकर्ताओं ने पाकिस्तान स्थित ट्रांसपेरेंट ट्राइब नामक हैकर समूह द्वारा किए गए साइबर हमलों की कड़ी का पता लगाया है. ट्रांसपेरेंट ट्राइब का उपखंड है, जिसे साइड कॉपी के नाम से जाना जाता है. हाल ही में इसकी पहचान भारतीय रक्षा संगठन को निशाना बनाने के लिए की गई है. यह तब सामने आया जब डीआरडीओ के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक को पाकिस्तानी एजेंट को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वैज्ञानिक को हनीट्रैप में फंसाया था.

बता दें कि हैकिंग समूह फाइलों को इंजेक्ट करने के लिए फिशिंग ईमेल और यूआरएल का उपयोग करता है. वे लगातार अपने तरीकों और तकनीकों को बदलते रहते हैं. उनका मुख्य उद्देश्य संवेदनशील जानकारी प्राप्त करना है.

चैट ऐप्स का कर रहे इस्तेमाल दावा किया गया है कि शोधकर्ताओं ने लक्षित साइबर खतरे का खुलासा किया है, जिसमें मैसेजिंग ऐप बिंजचैट और चैटिको ग्रेविटीआरएटी ट्रोजन का उपयोग किया जा रहा है. ग्रेविटीआरएटी एक रिमोट एक्सेस टूल है, जिसे साल 2015 से इस्तेमाल किया जा रहा है.

पहले भी इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ लक्षित हमलों में किया गया था. बिंजचैट मुफ्त संदेश सेवाओं का विज्ञापन करने वाली एक वेबसाइट के माध्यम से वितरित किया जाता है. बता दें कि ग्रेविटीआरएटी व्हाट्सऐप बैकअप को एक्सफिल्टर कर सकता है और फाइलों को हटाने के लिए कमांड प्राप्त कर सकता है.

तेज हुए साइबर हमले: उपकरण का उपयोग कर हैकर समूह कार्यप्रणाली सहित और बहुत कुछ जान सकते हैं. मई 2022 से ट्रांसपेरेंट ट्राइब आईआईटी, एनआईटी और देश के कुछ अन्य सबसे बड़े बिजनेस स्कूलों जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों को हैक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. कथित तौर पर ये हमले 2023 की पहली तिमाही में तेज हो गए. यह स्पष्ट नहीं है कि इन संस्थानों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है.

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