ओडिशा: MBBS छात्र की मौत, परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप
हरियाणा के जिले करनाल के निवासी MBBS छात्र निशांत की ओडिशा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
हरियाणा के जिले करनाल के निवासी MBBS छात्र निशांत की ओडिशा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। निशांत ओडिशा के भीमा भाेई मेडिकल कॉलेज में MBBS प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। शुक्रवार को कॉलेज के न्यू बॉयज हॉस्टल से गिर कर उसकी मौत होने की बात कही जा रही है। परिजनों का आरोप है कि निशांत ने अपनी डायरी में रैगिंग से परेशान होने की बात लिखी है।
ओडिशा में पुलिस को शिकायत देकर परिजनों ने कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। परिजनों का आरोप है कि निशांत को छत से फेंका गया है। इस कारण उसकी मौत हुई है। रविवार को निशांत का शव करनाल पहुंचा।
कॉलेज कमेटी के खिलाफ करवाया केस
निशांत के पिता डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि शुक्रवार को कॉले से फो कर बताया गया कि एक हादसा हुआ है। निशांत हॉस्टल की बिल्डिंग से नीचे गिर गया, इससे उसकी मौत हो गई। वहां पर पहुंचे तो हमने निशांत की रैगिंग वाली बातें बताई। पूरा प्रशासन रैगिंग की बात से मना कर रहा था। अगले दिन जैसे पूछा तो रैगिंग का मामला बताया। निशांत रोजाना बताता था कि उसके साथ रैगिंग हो रही है। इसका जिक्र अपनी डायरी में भी किया। 4 दिन हो गए थे, उन्हें रैगिंग में रात में 10 से 1 बजे तक बैठा कर रखते थे। रात को ग्राउंड की सफाई करवाते थे। पूरी घटना का उसने एक नोट बनाया है। ओडिशा में एंटी रैगिंग कमेटी के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। पुलिस भी खास रिस्पॉन्स नहीं दे रही थी।
बहुत डरा हुआ था निशांत
निशांत के मामा सुरेंद्र ने बताया कि निशांत ने अपनी मम्मी को बताया कि उसे रेगिंग कर परेशान किया जा रहा है। उसकी मम्मी ने कहा कि हम शिकायत कर देते हैं। तो जवाब में उसने कहा कि शिकायत का सीनियर का पता चल जाएगा और वो उसे और ज्यादा परेशान करेंगे।निशांत ने बताया था कि यहां पर हरियाणा से अकेला ही स्टूडेंट था। न ही वह वहां किसी को जानता था और ना ही यहां की लोकल भाषा समझ पाता था। बातचीत के दौरान जब उसकी मम्मी ने पूछा कि खाना खा लिया तो उसने मना किया। तब उसे पहले खाना खाने के लिए भेजा और कहा कि खाना खाने के बाद फाेन करना। वह डरा हुआ था और उसकी कोई कॉल नहीं आई। परिजनों ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या ही रैगिंग के कारण हुई है।
बिना कोचिंग नीट पास किया
निशांत ने बिना किसी कोचिंग के नीट पास किया था। घर पर ही पढ़ता था। करनाल के स्कूल की मैग्जीन में उसकी फोटो छपी है। पहली बार में ही घर पर तैयार करके नीट पास किया। निशांत के माता-पिता प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं। वह माता-पिता की इकलौती संतान था।
सरकार ले सख्त एक्शन
चाची अंजू ने बताया कि सरकारी कॉलेज में कोई सुविधा नहीं है। कॉलेज प्रबंधक का कोई नियंत्रण नहीं है। बच्चा पूरी तरह से दबाव में था। उसे न तो वहां सोने दिया जा रहा था, बत्ती बंद कर कमरे में बंद कर देते थे। खाना नहीं देते। पढ़ने नहीं देते।
इस तरह की परेशानी से निशांत को मारा गया। हमने निशांत के रूप में बनने वाला एक अच्छा डॉक्टर खो दिया। ऐसा ही होता रहा तो कोई डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बनेगा। मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि ऐसे लोगों पर रोक लगे। मैनेजमेंट पर कार्रवाई हो।