यमुनानगर :
ट्विन सिटी में पानी निकासी के लिए 11 करोड़ की लटकी परियोजना को दोबारा से सिरे चढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। पीडब्ल्यूडी से जमीन न मिलने की वजह से यह योजना लटक गई है। अब इसके लिए निजी जमीन खरीदी जाएगी। नगर निगम की ओर से इसकी तैयारी की जा रही है ।करीब एक वर्ष से इस योजना पर कार्य चल रहा था। कन्हैया चौक के पास खोदाई का कार्य किया गया, लेकिन परियोजना रूकने से यहां पर मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं। जिससे शहर में भी जाम के हालात बन रहे हैं। जगाधरी शहर के गंदे पानी को यमुनानगर में विश्वकर्मा चौक के पास बने एसटीपी तक ले जाने के लिए पाइप लाइन डालने की योजना बनाई गई। अमृत योजना के तहत डाली जा रही इस पाइप लाइन पर 11 करोड़ 84 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। करीब एक साल से इस योजना पर कार्य चल रहा है। अब इस पाइप लाइन का कार्य लटक गया है, क्योंकि रेलवे पुल के पास जमीन उपलब्ध नहीं हो रही है। कार्य रूकने पर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा भी नाराजगी जता चुके हैं। अधिकारियों की रही लापरवाही :
पाइप लाइन डालने के कार्य को मानसून सीजन से पहले पूरा करने की योजना थी। अधिकारियों ने कार्य भी शुरू कर दिया, लेकिन रेलवे पुल के पास जमीन न मिलने से मामला लटक गया। अधिकारियों की लापरवाही यह रही कि योजना से पहले जमीन की उपलब्धता नहीं देखी गई। जिस वजह से यह प्रोजेक्ट अटक गया। इसकी वजह से लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। एनओसी में भी लापरवाही :
पहले अधिकारियों ने रेलवे पुल के पास डिमार्केशन कराई। जिसमें पीडब्लूडी की जमीन बताकर एनओसी ले ली गई। एनओसी मिलते ही रेलवे को भी चार करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। जिस जमीन की एनओसी दी गई। बाद में वह निजी निकली। इस डिमार्केशन की फाइल तक गायब कर दी गई। अब दोबारा डिमार्केशन हुई। जिसमें पीडब्ल्यूडी की महज 72 फीट जगह निकली। अब लोक निर्माण विभाग ने यह जगह भी देने से इंकार कर दिया है। यह परियोजना लटकने पर न तो नगर निगम जिम्मेदारी ले रहा है और न ही पीडब्ल्यूडी। पीडब्ल्यूडी ने यहां तक कह दिया कि रेलवे पुल के पास उनकी जमीन ही नहीं है। वहीं नगर निगम के अधिकारी पीडब्ल्यूडी से स्पष्ट रिपोर्ट न मिलने की बात कह रहे हैं। निजी जमीन खरीदी जाएगी :
मेयर मदन चौहान का कहना है कि पाइप लाइन डालने की योजना को पूरा किया जाएगा। इसके लिए निजी जमीन खरीदी जाएगी। जमीन मिलने के बाद यह कार्य पूरा कर दिया जाएगा।