सोनीपत न्यूज़: भू-जल स्तर सुधारने व जल संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की मेरा पानी-मेरी विरासत योजना सफल नहीं हो पा रही है। किसानों को उक्त योजना का लाभ देने के लिए विभाग की तरफ से बार-बार रजिस्ट्रेशन की तिथि को बढ़ाना पड़ा, उसके बावजूद किसानों ने उक्त योजना के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखाई। सोनीपत जिले में अब तक महज 2405 एकड़ भूमि का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया है। कृषि विभाग ने पंजीकृत भूमि का भौतिक सत्यापन करने की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके बाद योजना के पात्र किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाएगी।
बता दें कि भू-जल व जल संरक्षण की मुहिम को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को किसानों के लिए लागू किया था। योजना के तहत धान की खेती छोड़कर कपास सहित कई अन्य फसलों की बिजाई करने पर किसान को 7 हजार रुपए की अनुदान राशि देती है। यही नहीं अगर किसान खेत को खाली भी छोड़ देता है तो भी किसान को 7 हजार रुपए की राशि दी जाती है। योजना को सफल बनाने के लिए कृषि विभाग ने लगातार जागरूकता अभियान चलाया था। लेकिन अपेक्षाकृत अधिक किसानों ने योजना के तहत पंजीकरण नहीं करवाया।
महज 2405 एकड़ भूमि का हुआ रजिस्ट्रेशन, लक्ष्य 5100 एकड़: जिला कृषि विभाग द्वारा उक्त योजना से किसानों को जोड़ने के लिए 5100 एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा था। लेकिन इसमें से महज 2405 एकड़ भूमि का ही किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। किसानों की संख्या की बात करे तो सोनीपत जिले के 1085 किसान योजना से जुड़े है। ब्लाक स्तर पर योजना से सोनीपत के 310 किसानों ने 666 एकड़ भूमि का पंजीकरण करवाया है। इसी तरह से राई ब्लाक के 115 किसानों ने 324 एकड़ भूमि, गोहाना ब्लाक में 232 किसानों ने 521 एकड़ भूमि, खरखौदा ब्लाक के 135 किसानों ने 310 एकड़ भूमि का योजना के तहत पंजीकरण करवाया है। खानपुर, गन्नौर ब्लाक के किसानों की रुचि भी योजना को लेकर अधिक दिखाई नहीं दी।
वैरिफिकेशन के बाद होगी राशि जारी: मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 31 अगस्त निर्धारित की गई थी। अब कृषि विभाग ने पंजीकृत की गई भूमि की भौतिक वैरिफिकेशन करने की तैयारी कर ली है। जिसके अंतर्गत ब्लाक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। भौतिक वैरिफिकेशन के तहत इस बात की जांच की जाएगी कि जिस खेत में पिछले साल धान उगाया था, उस खेत में इस बार क्या उगाया गया है। कृषि विभाग मेरा पानी-मेरी विरासत के साथ-साथ डीएसआर योजना के तहत भी वैरिफिकेशन का काम करवाएंगा। डीएसआर के तहत इस बार 6815 एकड़ में किसानों ने धान की रोपाई की बजाए सीधी बिजाई की है। सरकार व विभाग द्वारा योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन तिथि 31 अगस्त थी। किसानों ने महज 2405 एकड़ भूमि का रजिस्ट्रेशन करवाया है। भौतिक सत्यापन के लिए ब्लाक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। भौतिक सत्यापन होने के बाद किसानों को अनुदान राशि जारी की जाएगी। किसानोें को लाभ देने के लिए हरसंभव कदम सरकार व विभाग द्वारा उठाएं जा रहे है। अनिल सहरावत, जिला कृषि अधिकारी।