रेवाड़ी क्राइम न्यूज़: क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से मेवात क्षेत्र में एक डीएसपी की हत्या के बाद ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसने के प्रयास तेज किए हुए हैं। अगस्त माह में आरटीए की टीमों ने करीब 81 लाख रुपए जुर्माना किया गया है। इसके बावजूद नेशनल हाइवे नं. 48 पर ओवरलोड वाहनों को संरक्षण देने का बड़ा खेल चल रहा है। पेट्रोल पंप और ढाबा संचालक इस खेल को अंजाम दे रहे हैं। ओवरलोड वाहनों को संरक्षण देने के लिए हाईवे पर 2 दर्जन से अधिक स्थानों पर अवैध कट बनाए हुए हैं, जो हादसों का कारण भी साबित हो रहे हैं।
नेशनल हाईवे पर होने वाले हादसों के पीछे सड़क पर बने गड्ढे और ओवरलोड वाहन तो कारण हैं ही, साथ ही सबसे बड़ा कारण हाईवे पर अवैध कट बनाने वाले पेट्रोल पंप और ढाबा संचालक भी हैं। यह दोनों ओवरलोडिंग के खेल में मोटी कमाई करते हुए लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर से लेकर साहबी नदी के पुल तक 2 दर्जन से अवैध कट बनाए हुए हैं। यह कट बरसाती पानी की निकासी के लिए बनाए गए नालों और हाइवे की दीवारों को पाटकर बनाए हुए हैं। कटों के कारण आए दिन हाईवे पर हादसे होते रहते हैं। कई बार भारी वाहनों का अवैध कटों से प्रवेश लंबे जाम का कारण बन जाता है। अचानक अवैध कटों से निकलने वाले वाहन तेज रफ्तार दौड़ने वाले वाहनों के लिए खतरा बन जाते हैं।
गत पखवाड़े एसपी राजेश कुमार की अध्यक्षता में हुई आरटीए और पुलिस अधिकारियों की मीटिंग में एनएच-48 पर अवैध कटों का मामला उठा था। साथ ही मीटिंग में यह बात भी निकलकर सामने आई थी कि हाईवे पर कई स्थानों पर गड्ढे बने हुए हैं, जो हादसों का कारण साबित हो रहे हैं। इसके बाद आरटीए सचिव गजेंद्र कुमार की ओर से एनएचआई को हाईवे पर बनाए गए अवैध कटों को बंद कराने और सड़क के गड्ढों को भरवाने के लिए पत्र लिखा गया था। एसपी ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि ओवरलोड वाहन दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, इसलिए ऐसे वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके बाद आरटीए सचिव गजेंद्र कुमार के नेतृत्व में एमवीओ द्वारका प्रसाद शर्मा और इंस्पेक्टर जसबीर सिंह की टीम ने ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान शुरू किया हुआ है।
ढाबों पर मौजूद रहते हैं बदमाश किस्म के लोग: जानकार सूत्रों के अनुसार ओवरलोड माफिया आटीए की टीमों से अपने वाहनों को बचाने के लिए हर तरह के हथकंडों का इस्तेमाल शुरू किया हुआ है। जब भी आरटीए की टीमें ऐसे वाहनों का पीछा करती हैं, तो चालक वाहन को या तो अवैध कटों के पास बने पेट्रोल पंपों या ढाबों पर अपने वाहन को खड़ा कर देते हैं। वहां ओवरलोडिंग माफिया की ओर से पहले से किराए पर बैठाए गुंडे मौजूद रहते हैं। इन गुंडों को ओवरलोड वाहनों को आरटीए टीमों से बचाने की ऐवज में पैसा दिया जाता है। पेट्रोल पंपों संचालक डीजल की अधिक बिक्री के चक्कर में इन वाहनों को पंपों पर खड़ा करने की अनुमति देते हैं। वहां भी बदमाश किस्म के लोगों की मौजूद आरटीए टीमों का रास्ता रोकने का काम करती है।
आसान नहीं होता मुकाबला करना: सूत्र बताते हैं कि पंपों और ढाबों पर खड़े किए जाने वाले वाहनों को ओवरलोडिंग की कार्रवाई से बचाने के लिए बदमाश किस्म के लोग आरटीए टीमों के साथ टकराने के लिए भी तैयार रहते हैं। आरटीए टीमों के पास सीमित स्टाफ होता है। दूसरी ओर इस बात की आशंका भी रहती है कि बदमाश किस्म के लोग उन पर हथियारों से हमला नहीं कर दें। कई बार इन टीमों को वाहनों के ढाबों पर पहुंचने के बाद अपने कदम वापस खींचने पड़ते हैं। कुछ ढाबों का संचालन तो सिर्फ ओवरलोडिंग वाहनों को आरटीए टीमों से बचाने के लिए ही किया जा रहा है। इसके बदले ओवरलोड माफिया उन्हें प्रति वाहन के हिसाब से भुगतान करता है। इन वाहनों के कारण हाइवे की सर्विस लेन पर भी जाम लगा रहता है।
प्राइवेट बसों पर शिकंजा कसने की तैयारी: आरटीए की ओर से आगामी बुधवार से परमिट लेकर नियमों को ताक पर रखकर चल रही प्राइवेट बसों की चेकिंग के लिए अभियान शुरू किया जाएगा। एमवीओ द्वारका प्रसाद ने बताया कि आरटीए सचिव गजेंद्र कुमार के निर्देशन में चलाए जाने वाले अभियान में उन बसों का पता लगाया जाएगा, जो परमिट के नियमों को ताक पर रखकर चल रही हैं। इस अभियान के तहत विभिन्न रूटों पर चलने वाली सभी बसों की सघन जांच की जाएगी। नियम तोड़ने वाली बसों को इंपाउंड किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ अभियान में तेजी लाई गई है, जिस कारण 19 अगस्त तक ऐसे वाहनों पर 81 लाख रुपए जुर्माना किया गया है।