लड़का पैदा नहीं होने पर बहू को जिंदा जलाने वाली सास और उसके पति को आजीवन कारावास, जानिए पूरा मामला

एसआई गौड़ ने इंदौर में भर्ती मायाबाई से पूछताछ की तो मायाबाई ने मरने से पहले सुसराल पक्ष पर बेटा नहीं होने के चलते प्रताड़ित करने और आग लगाने की घटना की जानकारी दी। बयानों के आधार पर दोनों आरोपियों पर हत्या सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था।

Update: 2022-02-10 12:23 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: मंदसौर में लड़का पैदा नहीं होने पर बहू को जिंदा जलाने वाली सास और उसके पति को एडीजे आशीष टांकले ने आजीवन कारावास और पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।लोक अभियोजक आरएस चंद्रावत ने बताया कि 1 अक्टूबर 2015 को ग्राम चचावदा पठारी निवासी मायाबाई को जली हुई हालत में उसकी सास और पति सरकारी अस्पताल गरोठ लेकर आए थे। पीड़िता की हालत गंभीर होने के चलते उसे झालावाड़ रेफर किया गया, जहां से महिला के परिजन उसे इंदौर ले गए।पीड़िता ने इंदौर तहसीलदार को मरने से पहले दिए गए बयान में कहा था कि उसके पति हरीश उर्फ हरिशंकर पिता रामगोपाल पुरोहित (30) और उसकी सास सुमित्राबाई पति रामगोपाल पुरोहित (60) ने पीड़िता मायाबाई की दोनों बेटियों वंशिका और दिक्षिका को मेले में चल रही रामलीला देखने के लिए भेज दिया था और उसके बाद पति हरीश और सास सुमित्राबाई ने उसके ऊपर केरोसिन डालकर उसे आग लगा दी थी। महिला ने मरने से पहले पति और सास पर लड़का पैदा नहीं होने पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे। 

मृतका का बयान बना सजा का आधार  
मृतका मायाबाई की सास सुमित्रा और पति हरिश ने पुलिस को जलने का कारण चिमनी बताया था। जानकारी के आधार पर गरोठ के तत्कालीन एसआई महेंद्र सिंह गौड़ ने मामले में मर्ग कायम कर जांच के दौरान घटना स्थल का मुआयना किया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने मृतका मायाबाई की बेटियों सहित अन्य लोगों के बयान लिए, जिसमें मामला संदिग्ध नजर आया। 
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